वाराणसीः प्रारंभिक कक्षाओं में रोचक तरीकों से भाषा और गणित पढ़ाने की विधि सिखाने के लिए आशा ट्रस्ट द्वारा तीन दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन भंदहाकला स्थित प्रशिक्षण केंद्र पर किया गया। इसमें गाज़ीपुर, वाराणसी, सोनभद्र और चंदौली जिलों से कुल 34 प्रतिभागी सम्मिलित रहे। इन प्रतिभागियों में अधिकतर आशा सामाजिक शिक्षण केंद्रों के अध्यापक थे, जो सुदूर इलाकों अथवा ईंट भट्ठों पर प्रवासी मज़दूरों के बच्चों को शिक्षित करने के कार्य में लगे हुए हैं।
कार्यशाला में गणित और भाषा को खेल, गीत और रोचक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाने की तकनीक पर अभ्यास कराया गया। भोपाल की संस्था ‘एकलव्य’ से आए प्रशिक्षक कार्तिक कुमार शर्मा ने छोटे बच्चों को भाषा में अक्षर पहचान से लेकर शब्द और वाक्य बनाने तथा अंकों की पहचान करने की रुचिकर तकनीक सिखाई। उन्होंने रंगीन कागज़ और आसपास मिलने वाली कबाड़ की वस्तुओं का अलग-अलग प्रयोग करके शैक्षिक उपकरण बनाना भी सिखाया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक अभिषेक सावर्ण्य ने बताया कि प्रायः बच्चे गणित को कम रुचिकर और उबाऊ समझकर उससे दूर भागते हैं, जिससे बड़े होने पर उनके लिए कठिनाइयाँ पैदा हो जाती हैं। गणित हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है, इसलिए इसे रुचिकर तरीकों से पढ़ाने और समझाने की आवश्यकता है।
आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि रोचक तरीकों से पढ़ाने की तकनीक अपनाने से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी।
कार्यक्रम के आयोजन में दीन दयाल सिंह, प्रदीप सिंह, सौरभ चन्द्र, अविनाश सत्यमेव आदि का विशेष योगदान रहा।