अलीगढ़ 19 मार्चः पूर्व रेजिडेंट, डॉ. प्रज्ञा आहूजा, एमएस नेत्र विज्ञान, ने ‘भारतीय जनसंख्या में डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों में कैंडिडेट जीन पॉलीमोर्फिज्म पर एक अध्ययन’ शीर्षक से अपनी थीसिस के लिए प्रतिष्ठित तीसरा स्थान हासिल करके राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है। उन्हें यह सम्मान कोलकाता में आयोजित अखिल भारतीय नेत्र विज्ञान सम्मेलन में दिया गया। डॉ. आहूजा ने जून 2020 से 2023 तक जेएनएमसीएच में अपने अध्ययन के दौरान यह शोध कार्य किया। उनकी थीसिस भारतीय आबादी के बीच डायबिटिक रेटिनोपैथी को समझने में आनुवंशिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।
प्रोफेसर एके अमिताव अध्यक्ष, नेत्र विज्ञान विभाग, जेएनएमसी ने कहा कि यह उपलब्धि नेत्र विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर अब्दुल वारिस और राजीव गांधी मधुमेह और एंडोक्रिनोलॉजी केंद्र के प्रोफेसर शीलू शफीक सिद्दीकी के मार्गदर्शन के साथ सहयोगात्मक प्रयासों से संभव हुई है। जिन्होंने अमूल्य मार्गदर्शन के साथ अन्रू संसाधन प्रदान किए।
डॉ. प्रज्ञा ने अपनी उपलब्धियों पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ प्रो. वारिस और प्रो. सिद्दीकी की उनके विचारों और मार्गदर्शन के लिए सराहना की, जिससे उनकी सफलता में काफी मदद मिली। .
प्रोफेसर वारिस ने कहा, डॉ. आहूजा की उपलब्धि नेत्र विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में अन्य लोगों को रोगी देखभाल बढ़ाने के उद्देश्य से नवीन अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करेगी।