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डॉ. दीपिका सागर, न्यूरोलॉजिस्ट

मेरठः विश्व पार्किंसंन दिवस पर प्रधानाचार्य ने विश्व पार्किंसंन दिवस के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि १८१७ में न्यूरोडिजेनरेटिव विकार का पहले मामले की खोज डॉ जेम्स पार्किंसंन ने की थी। पार्किंसंन एक ब्रेन डिसऑर्डर है और ज़्यादातर यह बुढ़ापे में होता है। आज भी इस गंभीर इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगो में जानकारी की कमी है। जागरूकता को बढ़ाने हेतु प्रति वर्ष कई कार्यक्रम, कैम्प आयोजित किए जाते है, इस वर्ष विश्व पार्किंसंन दिवस “इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर” थीम के तहत मनाया जा रहा है। इस बीमारी में दिमाग़ की विशिष्ट् कोशिकायें प्रभावित होती है। हाँथ और पैर में कंपन होता है, माशपेशिया सख़्त हो जाती है, एवम् शारीरिक संतुलन नहीं बन पाता।
मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ डॉ दीपिका सागर ने पार्किंसंन रोग के लक्षण के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि पार्किंसंन रोग एक न्यूरोडिजेनरेटिव विकार है, जो मुख्य रूप से दिमाग़ के एक विशिष्ट क्षेत्र में डोपमिन उत्पादक न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है। जिसे सब्स्टेंशिया निग्रा कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते है। अलग-अलग मरीज़ो में लक्षणों का नज़र आना भिन्न भिन्न होता है।
मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अंकित कुमार गुप्ता ने पार्किंसंन रोग को खानपान के द्वारा किस तरह कंट्रोल किया जा सकता है, के संबंध में आमजन को बताया कि अपने प्रतिदिन की डाइट में कुछ बदलाव लाने से ही हम इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते है। हमे एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फिश आयल,विटामिन बी-१, विटामिन सी, विटामिन डी से भरपूर चीज़ इस बीमारी से ग्रस्त मरीज़ो को देनी चाहिए। ओमेगा-३ फैटी एसिड तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने, न्यूरोडीजनरेशन को रोकने में मदद करता है। साथ ही साथ लोगो को अधिक चीनी,नमक,हाई कोलेस्ट्रॉल, आदि का खाद्य पदार्थ मरीज़ो को नहीं देने चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ धीरज राज, पी०एम०एम०एस०वाई० ब्लॉक के प्रमुख अधीक्षक एवं न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अखिल प्रकाश , न्यूरोसर्जन डॉ देवेंद्र अहलावत, डॉ अरविंद कुमार, डॉ राहुल सिंह, न्यूरोलॉजी विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने न्यूरोलॉजी विभाग को बधाई दी।

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