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दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर हिंदी विभाग ने व्याख्यान का आयोजन किया. इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रो.अनिल राय थे . व्याख्यान का विषय था ” हिंदी : संभावनाओं के विविध आयाम “.
व्याख्यान का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.नचिकेता सिंह के स्वागत-वक्तव्य से हुआ.उन्होंने सभी को हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज हिंदी के अनेक आयाम हमारे सामने नज़र आते हैं,जिनके माध्यम से हम अपने कौशल का विकास कर सकते हैं. किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी भाषा से होती है.भाषा के विकास से राष्ट्र का विकास जुड़ा हुआ है।
इस व्याख्यान के आमंत्रित वक्ता प्रो. अनिल राय (डीन, अंतराष्ट्रीय संबंध ,सोशल साइंस एवं मानविकी,प्रभारी हिन्दी विभाग,दक्षिण परिसर,दिल्ली विश्वविद्यालय) ने हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के इस दौर में हिंदी नए चाल में चली भी और ढली भी है.हिंदी में संभावनाओं के विविध आयाम, कई रूपों में हमारे सामने नजर आते हैं.हिंदी हमारी माँ है.जिस तरह एक माँ अपने कई बच्चों को एक साथ संस्कारित करती है,ठीक उसी तरह हिंदी ने भी हम सबको संस्कारित करने का महत्त्वपूर्ण काम किया है. अब हमारा फर्ज है कि हम सब मिलकर इस माँ के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन में किसी तरह की कोई कसर न छोड़ें. आज बाजारीकरण ने हिंदी के सामने अनेक चुनौतियों को खड़ा कर दिया है।इस चुनौतियों से निपटने के लिए सरकारें अपने-अपने स्तर पर अनेक प्रयास कर रहीं है,ये संकेत भविष्य के लिए शुभ हैं।
कार्यक्रम का संचालन आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अमित सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग की प्रभारी प्रो.सुमित्रा ने किया.इस व्याख्यान में हिंदी विभाग के शिक्षकों के साथ अन्य विभागों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थित रही.