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वाराणसीः अग्नि की लपटों से बनती हुई भावुकतापूर्ण तस्वीरों को अपने कमरे में कैद करने का साहसिक कार्य गुजरात के छाया चित्रकार भूपेश पटेल ने किया है जिनके छायाचित्रों की प्रदर्शनी इमोशंस ऑफ फ्लेम्स शीर्षक से दिनांक 20 सितंबर 2024 को दृश्यकला संकाय के अहिवासी कला दीर्घा के खंड ए में आयोजित की गई है। वहीं इसी दीर्घा के खंड बी में बड़ोदरा के निवासी एवं सुप्रसिद्ध छायाकार पीयूष पटेल की छायाचित्रों को आभास शीर्षक से प्रदर्शित किया जाना है। पीयूष के कैमरे की अपनी अलग दृष्टि है जो प्रकृति के पाषाण सदृश आकारों में ऐंद्रिक सौंदर्य को ढूंढ रही है।
गुजरात ललित कला अकादमी द्वारा प्रायोजित की गई है और इन दोनों छायाकारों को वाराणसी में अपनी कृतियों की प्रदर्शनी के लिए क्यूरिटिका फाउंडेशन के द्वारा आमंत्रित किया गया। दिनांक 20 से 22 सितम्बर 2024 तक होने वाले इन दोनो एकल प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि पद्मश्री श्री राजेश्वराचार्य जी, दृश्य कला संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. उत्तमा दीक्षित, छायाकार बिनय रावल, प्रदर्शनी क्यूरेटर एवम एंपेनेल्ड फेस्टिवल डायरेक्टर आईसीसीआर, डॉ. शशि कांत नाग तथा विशिष्ट अतिथि फोटो जर्नलिस्ट एम नफीस खान, ट्रैवल एवम वेडिंग फोटोग्राफर प्रकाश तिलोकनी हैं।
इस त्रिदिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी से स्थानीय विद्यार्थियों को फोटोग्राफी के नए आयाम के बारे में शोध का अवसर प्राप्त होगा।
दृश्य कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ सुरेश जांगीड़, एवं डॉ ललित मोहन सोनी ने प्रदर्शनी के सापेक्ष दिशा निर्देश दिया।

 

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