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वाराणसीः बी एच यू का नाक, कान,गला विभाग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश,नेपाल समेत पूर्वांचल तथा देश के अन्य भागो के मरीजों को लगातार बेहतर सेवाएं दे रहा है। इसके साथ साथ जूनियर डॉक्टरों को सर्वोत्तम ट्रेनिंग भी दे रहा है।

शोध के मामले में यह देश का सर्वश्रेष्ठ विभागों में से एक है।अभी प्रोफेसर राजेश कुमार (ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन), प्रोफेसर विश्वंभर सिंह (ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी),डॉक्टर सुशील कुमार (ऑर्गनाइजिंग को चेयरमैन), डॉक्टर सिवा सेल्वाराज (ऑर्गनाइजिंग ट्रेजर) के देखरेख में तथा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के निर्देशक डॉक्टर एस एन संखवार, सिर सुंदरलाल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के गुप्ता और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति सुधीर कुमार जैन के सहयोग से प्रदेश स्तर की कांफ्रेंस कर रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश एवं देश के करीब २० राज्यों से १२ प्रमुख विशेषज्ञ तथा करीब ४० अन्य विशेषज्ञ और ३०० प्रतिभागी चिकित्सक हिस्सा लेंने के लिए पंजीकरण हुए हैं।इसके अलावा करीब ९६ शोधपत्र पढ़े जायेंगे। उत्तर प्रदेश तथा अन्य २० राज्यों से मेडिकल कॉलेज से चिकित्सक रहेंगे।

यह कांफ्रेंस वाराणसी में ३ दिन तक चलेगी जो कि २७ से २९ तक चलेगा , जिसमे प्लूरा से डूरा तक सभी रोगों के विषय में विशेषज्ञ द्वारा ऑपरेशन एवं चर्चा होगी। इसके साथ सात लाइफटाइम अचीवमेंट पुरुस्कार दिये जायेंगे।समें मुख्य विशेषज्ञ के तौर पर डॉक्टर टी एन जानकीराम तमिल नाडु से,डॉक्टर राजेश विश्वकर्मा गुजरात से, डॉक्टर राकेश श्रीवस्ता उत्तर प्रदेश से, डॉक्टर जी वी एस राय आंध्र प्रदेश से,डॉक्टर विनोद फेलिक्स केरला से,डॉक्टर ब्रजेंदर बसेर मध्य प्रदेश से,डॉक्टर कपिल सिक्का दिल्ली से, डॉक्टर विकास अग्रवाल महाराष्ट्र से,डॉक्टर शिरीष बी घनी महाराष्ट्र से,डॉक्टर अमित त्यागी ऐम्स ऋषिकेश से, डॉक्टर ओमबीर सिंह उत्तर प्रदेश से, डॉक्टर धर्मेंद्र गुप्ता उत्तर प्रदेश से इत्यादि एक्सपर्ट डॉक्टर रहेंगे।

इसमें नई तकनीकी से ऑपरेशन देखने और सीखने को मिलेगा।इसमें आधुनिक तरीके से गले में थायराइड ग्रंथि के गांठ का ऑपरेशन, नाक का साइनस,कान से सुनाई न देने का ऑपरेशन, नाक के रास्ते दिमाग का ऑपरेशन, कान की हड्डी के गलने का ऑपरेशन, लार की ग्रंथि का बिना ऑपरेशन के इलाज, सांस की नली के सिकुड़ने का बिना चीरा के ऑपरेशन, टॉन्सिल और एडिनॉइड का आधुनिक विधि द्वारा ऑपरेशन इत्यादि होगा, दिखाया एवं सिखाया जायेगा। इसके साथ ही साथ कैडेवर (मृत शरीर)में सीखने एवं प्रयोग करने का अवसर और शोध का कार्य किया जाएगा ।देश के अलग अलग जगहों से आए हुए विशेषज्ञ कान, नाक,गला के तमाम प्रकार की बीमारियों पर चर्चा करेंगे।

यह उत्तर प्रदेश की ४१वीं कॉन्फ्रेंस है जो की इस साल वाराणसी में हो रही है।इससे पूर्वांचल तथा आस पास के मरीज़ जो बीएचयू में इलाज कराने आते हैं उनका लाभ मिलेगा, तथा देश विदेश के नई नई तकनीकी से उनका इलाज करने में सहयोग होगा। कुछ सहयोग IOE के तहत भी है।

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