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वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए ऑटोमेटिक सिलाई मशीन पर आधारित एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 30 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आधुनिक सिलाई एवं कढ़ाई की तकनीकों से परिचित कराना और उन्हें ऑटोमेटिक सिलाई मशीन चलाने का कौशल सिखाना था। कार्यक्रम में प्रशिक्षकों के रूप में श्री राधेश्याम गौड़ और श्री रहबर अंसारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और कुलगीत के साथ हुआ। संकाय की डीन प्रोफेसर वृंदा पराजपे ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित महिला पूरे परिवार को शिक्षित और सक्षम बना सकती है।

इस अवसर पर केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर आलोक कुमार पांडे ने बताया कि इस कार्यशाला में भाग लेने वाली महिलाएं केंद्र में 6 माह का सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। ये महिलाएं प्रशिक्षण के बाद अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित करने में योगदान देंगी।

परियोजना अधिकारी डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवार का समर्थन कर रही हैं। यह कार्यशाला उनकी क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी।

सिलाई प्रशिक्षिका आरती विश्वकर्मा ने बताया कि महिलाएं अपनी मेहनत और समर्पण से उत्कृष्ट कौशल सीख रही हैं। विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे नई और पुरानी मशीनों को चलाने और सिलाई के विभिन्न तकनीकी पहलुओं को समझ सकें।

कार्यक्रम के दौरान श्री अनिल कुमार, रामजी, सुरेश, सतीश, और पीयूष भी उपस्थित रहे। संचालन काजल सिंह और चांदनी कुमारी ने किया।

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