युवा कलाकार उत्कर्ष कुमार गौतम ने व्यवहारिक कला मे परास्नातक की शिक्षा काशी हिन्दू विश्विद्यालय, वाराणसी से 2023 में पूर्ण किया। बचपन से कला में रुचि रखने वाले उत्कर्ष की प्रारभिक शिक्षा उनके गाँव से हुई। ललितकला की शिक्षा प्राप्त करने के लिए 2017 में काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में स्नातक में प्रवेश लिया। “दृश्य कला संकाय” के अहिवासी कला वीथिका में तीन दिवसीय ग्रुप प्रदर्शनी “चारू चिंतन” में इनके द्वारा रचित व्यंग्य चित्र व फोटोग्राफी प्रदर्शित है। व्यंग्य चित्र प्रधानमंत्री श्रृंखला नाम से आजादी से लेकर अब तक देश को 14 प्रधानमंत्री मिल चुके हैं। इन सभी के व्यंग्य चित्र चित्रण किया गया है। जो कि कागज पर जल रंग मे निर्मित है। जो दर्शकों को काफी आकर्षित कर रहा है। दर्शक व्यंग्य चित्र के साथ फोटो खींचा रहे और सराहना कर रहे है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो० अनुप कुमार नेमा (डीन ऑफ स्टूडेन्ट बी. एच. यू.), पद्मश्री विजय शर्मा जी, विशिष्ट अतिथि डा० उत्तमा दीक्षित (संकाय प्रमुख) ने किया। उद्घाटन के पश्चात् उपस्थित मुख्य अतिथि के द्वारा व्यंग्य चित्र कला को सराहना किया और आगे इस शैली को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। व्यंग्य चित्र को बच्चे देखकर बहुत उत्साहित हो रहे हैं। व्यंग्य चित्र को बनाने की जानकारी ले रहे हैं। और व्यंग्य चित्र की कार्यशाला का आयोजन करने के लिए बोल रहे हैं। जिससे वह भी व्यंग्य चित्र बनाना सीख सके। इनके द्वारा “साइबेरियन पक्षी” का फोटोग्राफ भी आकर्षण का केन्द्र रहा। एक फ्रेम मे साइबेरियन पक्षी, को खुले आसमान में पंख फैलाए दिखाया गया है। जो कि आजादी और निरडरता का प्रतीक है। दूसरे फ्रेम में भोजन के लिए प्रयासरत दिखाया गया है।
इनका जन्म जिला-गाजीपुर के नारीपचदेवरा नामक ग्राम में हुआ है। जो कि सैदपुर-भीतरी से 20 किमी. दूर स्थित है। ये बचपन से कला के धनी है। इन्होने बहुत सी कला प्रतियोगिता में भाग लिया है, 10 से अधिक गुप प्रदर्शनी कर चुके है।
पढ़ाई के दौरान ही इन्होने कला निर्देशक के रूप में कार्य प्रारम्भ किया। अब तक दो नाटक और तीन फिल्मों में कला निर्देशन का कार्य कर चुके हैं। जिसमे “सफेद” नामक फिल्म विशेष है। इस फिल्म का पोस्टर का विमोचन “कान्स फिल्म फेस्टिवल” में किया गया था।
ये अब तक फोटोग्राफी में भी कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वाराणसी मे रहकर अपना कला अभ्यास कर रहे है।