चारु चिंतन में दिव्या भारती के द्वारा की गई फोटोग्राफी को सराहा जा रहा है
युवा कलाकार दिव्या भारती ने व्यावहारिक कला की शिक्षा में परास्नातक काशी हिन्दू विष्वविद्यालय, वाराणसी से 2023 में पूर्ण किया। इनका जन्म 1998 में ग्राम सरने, जिला चंदौली, उत्तर प्रदेश में हुआ है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सेन्ट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल से हुई है।
इन्होने ललित कला की शिक्षा 2017 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर 2021 में पूर्ण किया। कला संकाय के अहिवासी कला वीथिका में आयोजित सामूहिक प्रदर्शनी ‘चारु चिंतन’ में इनकी फोटाग्राफी सभी को आकर्षित कर रही है। प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. अनुप कुमार नेमा (डीन ऑफ स्टूडेन्ट, बी.एच.यू.), पद्मश्री विजय शर्मा जी, विशिष्ट अतिथि डा. उत्तमा दीक्षित (संकाय प्रमुख) ने किया। उद्घाटन के उपरांत उपस्थित मुख्य अतिथि तथा डा. ललित मोहन अग्रवाल (रेडियोथेरपी सामान्यवर्क, कल्याण सेल) ने कई सारे फोटोग्राफी की तारीफ की।
दिव्या द्वारा की गई फोटोग्राफी की सभी ने सराहना की। इनके द्वारा की गई फोटोग्राफी, ‘माइग्रेशन’ आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस फोटोग्राफ में एक ही फ्रेम में पक्षी और मनुष्य दोनो को माइग्रेट करते हुए दिखाया गया है। जिसमें साइबेरियन पक्षी भोजन की तलाष में तथा नाव पर सवार लोग काम की तलाश में जाते हुए दिखया गया है। इनकी अन्य फोटोग्राफी में खरगोश, बिल्ली, तथा घाट की फोटोग्राफी आदि ने भी लोगो के हृदय को छुआ।