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संपादकीय टिप्पणीः तस्वीर में नजर आने वाले अधिकांश लोग परिचित हैं। जब से बनारस आया हूँ तब से इस संख्या में न तो कोई वृद्धि हुई है और न ही चेहरे बदले हैं। मोरल ग्राउंड पर अपील की जाती है कि एक संवेदनशील और योग्य डॉक्टर को मौत के मुंह में न ढकेला जाए। उनकी मांगों के पक्ष में आंदोलन चलाया जाए, जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए। पर सबसे पहले उन्हें समझा-बुझाकर प्राण त्यागने से रोका जाए। व्यक्तिगत हीरोइज्म से दुनिया नहीं बदलती और यह बात डॉक्टर ओम शंकर को समझनी होगी। 
वाराणसीः अनशन के 14वें दिन सामाजिक संगठनों ने समर्थन में निकाला जुलूस
देश में स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने की की गयी मांग
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा

सर सुंदरलाल अस्पताल कशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हृदय रोग विभाग के प्रो ओम शंकर के द्वारा किया जा रहा अनशन जारी है. वे विगत दो सप्ताह से अस्पताल में व्याप्त विभिन्न अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की मांग को लेकर अपने कक्ष में ही आमरण अनशन पर हैं शुक्रवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उनकी मांगो के समर्थन में जुलूस निकाला और राष्ट्रपति को इस मामले हस्तक्षेप करने हेतु गुहार लगाई.

स्वास्थ्य का अधिकार अभियान, साझा संस्कृति मंच, बनारस नागर समाज आदि संगठनों से जुड़े दो दर्जन से अधिक सामाजिक कार्यकर्ता शास्त्री घाट वरुणापुल पर एकत्र हुए और जिला मुख्यालय तक डॉ ओम शंकर की मांगो के समर्थन में जुलूस निकाला . जिला मुख्यालय पहुंचने पर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन को जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर जिलाधिकारी नगर को सौंपा. ज्ञापन में गुहार लगाई गयी कि डॉ ओम शंकर द्वारा उठायी गयी मांगो पर राष्ट्रपति भवन द्वारा संज्ञान लेते हुए कार्यवाही तत्काल की जाए और देश में सभी के लिए त्वरित, सस्ती एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य का अधिकार कानून बने.
ज्ञापन देने वालो में प्रमुख रूप से डॉ आनंन्द प्रकाश तिवारी, फादर आनंद, जगन्नाथ कुशवाहा, वल्लभाचार्य पाण्डेय, जागृति राही, राम जनम, सतीश सिंह, डॉ अनूप श्रमिक, मनीष शर्मा, राजकुमार पटेल, जागृति राही, महेंद्र राठोर, शगुप्ता जबीं, डॉ इंदु पाण्डेय, धनंजय त्रिपाठी, प्रमोद पटेल, सुजाता भट्टाचार्य, एकता, नीति, अनिल कजूर, सिस्टर फ्लोरीन, सृष्टि आदि शामिल रहे.

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