प्रयागराजः आईएएस-पीसीएस की फैक्टरी के रूप में जानी जाने वाली इलाहाबाद यूनिवसि
र्टी में अब उद्यमी तैयार होंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के दूरदर्शी प्रयास से यह संभव हो पाया है। वर्तमान में बीएसई, मुंबई के विशेषज्ञ भी इन्क्यूवेशन सेंटर से जुड़कर विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के गुर सिखा रहे हैं।
पूर्व के आक्सफोर्ड के नाम से मशहूर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने नित नए आयाम गढ़े हैं। इसी दिशा में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ईश्वर टोपा भवन में इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। इसके साथ ही, कंपनी अधिनियम के तहत इस केंद्र में ‘नवकल्पना इनोवेशन एंड आंतरप्रन्योरशिप फाउंडेशन’ के नाम से एक कंपनी पंजीक्रत की गई है। केंद्र समन्यवक डॉ. शैफाली नंदन ने बताया कि इन्क्यूवेशन सेंटर वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है और कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस जरूरत को समझा। उन्होंने ही विश्वविद्यालय में इन्क्यूवेशन सेल के नाम से उद्यमिता का बीज बोया। विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के गुर सिखाने के लिए बीएसई के विशेषज्ञ भी इन्क्यूवेशन सेल से जुड़ चुके हैं।
शिक्षक भी पढ़ रहे उद्यमियता का पाठ
इन्क्यूवेशन सेल ने गुरू प्रेरिवेन्शन के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों को उद्यमिता के बारे में प्ररित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को भी प्ररित करना है कि विद्यार्थियों में उद्यमशीलता का बीच बोएं।
स्टार्टअप मेले से बाहरी लोग भी जुड़े
इन्क्यूवेशन सेंटर की ओर से स्टार्टअप मेले का आयोजन किया गया। इसमें बाहरी लोगों को अपने स्टार्टअप को बारे में बताने एवं दिखाने का मौका दिया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इन्क्यूवेशन सेंटर में कंपनी भी पंजीकृत
इन्क्यूवेशन सेंटर के अंतरगत अब ‘नवकल्पना इनोवेशन एंड आंतरप्रन्योरशिप फाउंडेशन’ के नाम से एक कंपनी को भी पंजीकृत किया गया है ताकि बाहरी लोगों को भी इस केंद्र का लाभ मिल सके।
कैंपस टू स्टार्टअप प्रोगाम से विद्यार्थियों को सिखा रहे गुर
इन्क्यूवेशन केंद्र की समन्यवक डॉ. शैफाली नंदन ने बताया कि कैंपस के विद्यार्थियों को कैंपस में इन्क्यूवेशन केंद के सदस्य विभिन्न कार्यशालाओं से उदमशीलता के लिए प्रेरित कर रहे हैं। बहुत जल्द केंद्र की ओर से स्टार्टअप को अपना व्यवसाय स्थापित करने में सहयोग देना शुरू कर दिया जाएगा।
वनस्पति विज्ञान विभाग का दौरा एकेडमिक ऑडिट कमेटी द्वारा किया गया, जिसमें प्रो. सीमा सिंह, वीसी यूपीआरटीओयू, प्रो. संजय सक्सेना, डीन कला संकाय, प्रो. मधुरेंद्र कुमार, समन्वयक आईक्यूएसी, प्रो. मनोज कुमार, सह-समन्वयक, डॉ. निरुपमा त्रिपाठी शामिल थे। और 13 फरवरी 2024 को डॉ. प्रकाश। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. एस.एम. प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत किया। विभागीय आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. केवट संजय कुमार ने समिति के सदस्यों, संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों के समक्ष एनएएसी मूल्यांकन के सात मानदंडों में विभाग की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। लेखापरीक्षा समिति ने उनके समक्ष प्रस्तुत आंकड़ों के प्रस्तुत दस्तावेजी समर्थन का एक साथ निरीक्षण किया। समिति ने विभिन्न मानदंडों, विशेष रूप से अनुसंधान प्रकाशनों में विभागीय प्रयासों की सराहना की और एनएएसी मान्यता के कुछ क्षेत्रों में सार्थक होने के लिए दस्तावेजी रिकॉर्ड रखने के संबंध में उपाय सुझाए। विभाग की ताकत के बीच, समिति ने पाया कि बेहतर शिक्षण शिक्षण और अनुसंधान प्रकाशनों और सहयोग, उपलब्ध भौतिक और शैक्षिक बुनियादी ढांचे, विस्तार और आउटरीच गतिविधियों में शामिल समर्पित संकाय सदस्य विभाग के प्रमुख आकर्षण हैं। प्रोफेसर मनोज कुमार ने ऑडिट के अंत में अनुसंधान विद्वानों के साथ बातचीत की और अनुसंधान विद्वानों को अच्छे शोध कार्य करने और संस्थान के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।