‘‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में ‘‘ की वर्कशॉप का उद्घाटन डॉ. उत्तमा दीक्षित द्वारा किया गया जो कि दृश्य कला संकाय की मौजूदा संकाय प्रमुख एवं सभी विभागों की अध्यक्ष है।
यह वर्कशॉप प्रख्यात कला समीक्षक शिवाजी पणिक्कर के द्वारा ली जा रही है। शिवाजी पणिक्कर, महाराज सयाजी राव गायकवाड़ विश्वविद्यालय बड़ौदा के आर्ट हिस्ट्री एवं एसथेटिक विभाग के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं एवं स्कूल ऑफ कल्चर एंड क्रिएटिव एक्सप्रेसन बी. आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी के डीन रह चुके हैं। वे भारतीय लोक कला एवं समसामायिक कला पर महत्वपूर्ण किताबें व लेख लिख चुके हैं, जिनके विषय सप्त मातृत्रिकाओ, भारतीय लोक प्रतीकों एवं भारतीय समकालीन मूर्तिकला रहे हैं।
इनकी गहरी रुचि भारतीय रिवाज एवं लोक में इस्तेमाल होने वाले कलात्मक सौंदर्य के प्रति रही है, इन्होंने समकालीन कला के उन महत्वपूर्ण कलाकारों पर शोध एवं लेख लिखे है, जो धारा से हटकर काम कर रहे थे, जिनमें ‘‘रेडिकल‘‘ ग्रुप प्रमुख है। इस 15 दिवसीय (27.02.2024 से 12.03.2024 तक) कार्यशाला में मुख्य रूप से कला समीक्षा के प्रति जागरूकता एवं इस काम में विद्यार्थियों को निपुण बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
इस कार्यशाला के दौरान पाँच व्याख्यान भी शिवाजी पणिक्कर के द्वारा दिया जाएगा, जो मुख्यतः आधुनिक कला व उत्तर उपनिवेषवाद की भूमिका एवं भारतीय कला जैसे विषयों पर आधारित होंगे और इस व्याख्यान में कला एवं अन्य विषयों से संबंधित छात्र आमंत्रित होंगे।
उद्घाटन के दौरान संकाय प्रमुख ने सभी को संबोधित करते हुए शिवाजी पणिक्कर का पुष्पों गुच्छों से स्वागत किया एवं बनारस आगमन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। डॉ. उत्तमा दीक्षित ने इस कार्याशाला को शोध विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने की बात कहीं। इस कार्यक्रम के आयोजन में श्री मृगेन्द्र प्रताप सिंह व डॉ. शांति स्वरूप सिन्हा, डॉ. मनीष अरोड़ा, डॉ. ब्रहम स्वरूप, श्री साहेब राम टुडू, श्री के. सुरेश कुमार, डॉ. महेश सिंह, डॉ. किरन गुप्ता, डॉ. राजीव मंडल, डॉ. सुरेश चन्द्र जांगिड़ की सक्रिय भूमिका रही।