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यहां व्यापक रूप से फिटनेस की परिभाषा ही भ्रमित है. और फिटनेस के नाम पर वेट लॉस जर्नी की चरस अलग ही लेवल की है…. मैंने अब लोगों को समझाना ही छोड़ दिया….. मुझे weight loss term से ही अब समस्या होने लगी है, क्योंकि मूल रूप से सवाल स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का ही होना चाहिए, जिसपर चलते हुए आप अपनी हाइट के अनुसार संतुलित वजन, यदि कोई जनटिक बीमारी हो तो उसका मैनेजमेंट, त्वचा का ख्याल आदि करते चलेंगे, केवल वजन घटा लेने तक सीमित ना रहेंगे……और साथ ही हरेक के शरीर की बनावट, वेट गेन और लूज़ करने की अवधि भी अलग हो सकती है, यानि Weight loss journey is individual specific है.
Weight loss journey में दरअसल अकसर लोग भूल जाते हैं कि loss केवल एक्सेसिव वेट का ही करना था, बुद्धि का नहीं. और वो होता है इनके food portion cut बिना सही सलाह के कर देने से या/और कम समय में ज़्यादा वजन घटा लेने की चाहत से जिसके चक्कर में खाना ही छोड़ देने का चलन है. परिणामस्वरुप पोषण की कमी से चेहरे की कांति खोना लाज़िमी है. और साथ ही अक्सर वेट लूज़ करने का प्रेशर और टेंशन भी चेहरे का ग्लो गिरा देता है यह भी देखा गया है….. और लूज़ हो जाने के बाद मनपसंद खाना ना खा पाना, स्वाद से समझौता और एक्सरसाइज का प्रेशर आदि का भी चेहरे पर तनाव आता है…. मैं इसलिए अक्सर बोलती हूँ कि फिटनेस की राह पर ख़ुश होकर आओ, इसे अपनी ख़ुशी बनाओ नहीं तो फिटनेस का भी स्ट्रेस ले लोगे तो बचा ही क्या फिर??
देखा जाता है कि बहुत सी लड़कियों के लिए फिट होने का मतलब है weight loss, और weight loss का मतलब है शादी के लहंगे में फिट होना है, ठीक वैसे ही बहुत लड़कों के लिए केवल पॉव के पैकेट जैसे ऐब्स बना लेने से…… इस loss के साथ कुछ gain भी होना था, जिसमें इन सम्पूर्ण पोषण, संतुलित मानसिक वा शारीरिक स्वास्थ्य आदि शामिल हैं.
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अक्सर लड़कियां मुझसे फिटनेस टिप्स मांगतीं हैं, मैं तब तक किसी को कोई सलाह नहीं देती जब तक सामने से मांगी ना जाए और डिस्कलेमर भी देती हूँ कि मैं केवल फिटनेस प्रैक्टिशनर हूँ, आप किसी सर्टिफाइड व्यक्ति से बात कीजिये, ताज्जुब की बात है जंक फ़ूड पर इतना ख़र्च कर लेंगे लोग लेकिन फिट होने के लिए किसी न्यूट्रीशनिस्ट को पे नहीं करेंगे…..फिर ऐसी लड़कियां मेरी फिटनेस रोटीन देख कर या तो खिल्ली उड़ाने लगतीं हैं कि हाय हाय इतनी एक्सरसाइज कौन करेगा, ऐसा खाना कौन खायेगा, या फिर ख़ुद को तसल्ली देतीं हैं कि नहीं यार हम मोटे ही अच्छे, “मैं मोटी इतनी भी बुरी नहीं लगती”…… बात मोटापे के साथ बुरे या अच्छे लगने की है ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की है, जो व्यापक रूप से नहीं दी जा रही…… समस्या इस बात से भी है कि बहुत से लोग फिटनेस की राह में मेहनत नहीं करना चाहते, और टेम्पररी वजन घटाना उल्टा आपको बीमार भी कर सकता है….. फैट शेमिंग एक अलग मसला है लेकिन मोटापा या excessive fat एक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जो या तो बहुत सी बीमारियों का लक्षण है या फिर ख़ुद अपने आप में एक बीमारी, यानि कि समस्या गंभीर भी है….
मैं मोटी लग रही हूँ मैं मोटी हो गई हूँ क्या? बार बार बोलने से कुछ नहीं होने वाला. या तो समस्या के सम्पूर्ण समाधान की ओर अग्रसर होइए या फिर उसको और जटिल मत बनाइये…..
Ashima Ashi    की फेसबुक वॉल से साभार

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