विश्वविद्यालय परिसर में असामाजिक व्यक्तियों व शिक्षा विरोधी अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों पर तत्काल लगे रोक : ABVP
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई ने ठीक करेंगे तीन काम :प्रवेश, परीक्षा और परिणाम को चरितार्थ करते हुए इस शोध प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण बनाने के लिए समय समय पर विश्वविद्यालय प्रशासन से ज्ञापन एवं आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन के माध्यम से छात्रहित में प्रवेश प्रक्रिया संचालित करने की मांग करते आई है।
जैसा की विदित है कि वर्तमान समय में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय के हिन्दी विभाग में विभागीय भ्रष्टाचार एवं लापरवाही के कारण दो अभ्यर्थीयों ने EWS प्रमाणपत्र एवं प्रवेश के नियमों को ले कर विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए अपना अपना पक्ष रखा है एवं यह प्रकरण अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की UACB के समक्ष विचाराधीन है एवं इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी निर्णय अभी तक नहीं आया है।
इस प्रकरण के दौरान में शिकायतकर्ता EWS श्रेणी के अभ्यर्थी एवं अभाविप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी पर गलत आक्षेप लगाने के साथ ही कुछ राजनीतिक दल एवं अवांछनीय व्यक्तियों द्वारा जाँच को गुमराह करने हेतू लगातार सोशल मीडिया एवं अन्य स्थानो पर दुष्प्रचार के माध्यम से किया जा रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है की यह प्रकरण अभी तक विश्वविद्यालय की UACB में विचाराधीन है इसी दौरान कुछ तत्वों के द्वारा किया जा रहा कृत्य उक्त प्रकरण में जाँच एवं निर्णय को प्रभावित करने के प्रयास का स्पष्ट प्रमाण है।
इसी के साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं देशभर के परिसरों में विद्यार्थी परिषद के बढ़ते काम एवं समाज एकीकरण के कार्यों से विचलित हो कर छात्रों के मध्य विफल हो चुके कुछ कतिपय संगठनों के लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर इस प्रकरण में इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी एवं अभाविप के विरूद्ध सुनियोजित दुष्प्रचार किया जा रहा है, जिसकी अभाविप कड़े शब्दों में निंदा करती है।अभाविप का यह स्पष्ट मत है की विश्वविद्यालय परिसर विद्या का केंद्र हैं ना की शहरी माओवादी विचारधारा से प्रेरित संगठनो की विभाजनकारी राजनीति का।अभाविप ऐसे सभी विश्वविद्यालय एवं छात्र समुदाय को बाँटने वाले प्रायोजित हथकंडो की कड़े शब्दों में निंदा करती है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश प्रक्रिया में EWS आरक्षण में की गई अनियमितता की जाँच कर इस प्रकरण में दोषियों पर भी तत्काल कार्यवाई की जाए एवं EWS आरक्षण के संबंध में भारत सरकार के सुस्पष्ट नियमों के मुताबिक जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए।अभाविप का यह स्पष्ट मत है की उक्त प्रकरण में प्रथम दृष्टया विभाग में राजनीतिक द्वेष से ग्रसित कुछ शिक्षकों की मिलीभगत एवं भ्रष्टाचार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।यह प्रकरण दो अभ्यर्थियों के मध्य का नहीं है बल्कि हिन्दी विभाग एवं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई अनियमितता के कारण दो अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटकाए जाने का है। विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही एवं अकर्मण्यता के कारण आज विश्वविद्यालय परिसर बाहरी आपराधिक तत्वों, शिक्षा विरोधी राजनीतिक दलों एवं विभिन्न अवांछनीय तत्वों की निकृष्ट राजनीति का अड्डा बन गया है। जिससे स्पष्ट रूप से विश्वविद्यालय की छवि खराब होने के साथ ही शैक्षणिक वातावरण दूषित हो रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग करती है की विश्वविद्यालय में विरोध के नाम पर परिसर में राजनीतिक दलों के व्यक्तियों व विश्वविद्यालय एवं महामना विरोधी अवांछनीय व्यक्तियों की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए जिससे परिसर का शैक्षणिक वातावरण सुचारु रूप से संचालित हो सके।
अभाविप काशी प्रांत के मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा की ” काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शोध प्रवेश प्रक्रिया प्रथम दिन से ही शक के घेरे में हैं जिसे ले कर विद्यार्थी परिषद एवं अन्य छात्रों ने आंदोलन भी किए। वर्तमान समय में हिन्दी विभाग में विभागीय गलती के कारण जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसका फायदा उठा कर राजनीतिक दलों के कुंठित छात्र संगठन एवं शिक्षा विरोधी असामाजिक तत्व विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण ख़राब करने का प्रयास कर रहे हैं जो की निंदनीय है। अभाविप परिसर में सुचारु शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने हेतू प्रतिबद्ध है परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन को परिसर को दोयम दर्जे की राजनीति का अड्डा बनने से रोकने हेतु तत्काल उपाय करने होंगे। हिन्दी विभाग में EWS आरक्षण के प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय के नियम मुताबिक जल्द निर्णय ले एवं यह सुनिश्चित करे की विश्वविद्यालय का संचालन नियमानुसार होना चाहिए न की असामाजिक तत्वों के सुनियोजित दुष्प्रचार के दबाव में।”
इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा की ” अभाविप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की शोध प्रवेश प्रक्रिया में शुचिता के लिए पहले दिन से ही संघर्षरत रही है। हिन्दी विभाग के प्रकरण में विभागीय गड़बड़ी के कारण हुई अनियमितता यह दर्शाती है की विश्वविद्यालय प्रशासन शोध प्रवेश में त्रुटियों को ले कर गंभीर नहीं है। EWS को लेकर विश्वविद्यालय एवं भारत सरकार का नियम सुस्पष्ट है एवं नियम के आधार पर इस प्रकरण का निर्णय आना चाहिए क्यूंकि यह दो अभ्यर्थियों के भविष्य का सवाल है।
इस प्रकरण में शिकायतकर्ता एवं हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश के अभ्यर्थी अभाविप के इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी पर कतिपय कुंठित राजनीतिक दलों के सदस्यों एवं असामाजिक तत्वों द्वारा अनर्गल दबाव बनाए जाने का प्रयास एवं उक्त प्रकरण की जाँच को भटकाने की नियत से किया जा रहा दुष्प्रचार निंदनीय है। “