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वाराणसीः विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर 10 और 11 जनवरी 2025 को सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में भाषिक बहुलता, भारतीय भाषाएँ और हिन्दीविषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा हैउद्घाटन वक्तव्य साहित्य अकादमी सम्मान से पुरस्कृत कवि, समाज विज्ञानी प्रो. बद्रीनारायण देंगेअध्यक्षता सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. बिंदा परांजपे करेंगी और बीज वक्तव्य इलाहाबाद से आए कवि प्रो. बसंत त्रिपाठी देंगेउपर्युक्त जानकारी संगोष्ठी के संयोजक प्रो. आशीष त्रिपाठी, आयोजन सचिव प्रो. नीरज खरे एवं सह- आयोजन सचिव डॉ. विंध्याचल यादव ने दीउन्होंने बताया कि उद्घाटन सत्र के पश्चात् काव्यपाठ का आयोजन किया जाएगाप्रो. अनुराधा बनर्जी, प्रो. बद्री नारायण, प्रो. भरत प्रसाद, डॉ. रामाज्ञा राय, प्रो. बसंत त्रिपाठी, श्री मोहर्रम अली उर्फ़ हशम तुराबी, डॉ. पार्वती तिर्की, अपूर्वा श्रीवास्तव काव्य पाठ करेंगीदेश भर के समाज विज्ञान और कला के युवा अध्येता संगोष्ठी के केंद्र में रहेंगेयह संगोष्ठी भारतीय संस्कृति के वैविध्यपूर्ण परिदृश्य में भाषागत विविधता के बीच संबंध सूत्रों की खोज करने का प्रयास करेगीप्रथम सत्र में बनारस से प्रो. अवधेश प्रधान, प्रो. राजकुमार, प्रो प्रभाकर सिंह भारत की बहुजातीय परस्परता और भाषिक बहुलताविषय पर व्याख्यान देंगेदूसरे सत्र में प्रतिभागी अध्येताओं द्वारा प्रपत्र प्रस्तुति की जाएगी, इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. किंगसन पटेल और डॉ. महेंद्र प्रसाद कुशवाहा करेंगेतीसरे सत्र के अंतर्गत‘भारतीय समाज विज्ञान और देश भाषाएँ विषय पर प्रो. ताबीर कलाम, प्रो ध्रुव कुमार सिंह, प्रो. अर्चना शर्मा व्याख्यान देंगीचौथे सत्र का विषय भारतीय समाज चिंतन में नए क्षितिज: हाशिए के समुदाय और उनकी भाषाएँविषय पर डॉ. सुप्रिया पाठक, डॉ. रमाशंकर सिंह, डॉ. अनुज लुगुन और डॉ. पार्वती तिर्की अपनी बात रखेंगीजर्मनी से श्री उज्ज्वल भट्टाचार्य, शिलांग से प्रो. भरत प्रसाद, दिल्ली से डॉ. रमाशंकर सिंह, वर्धा से सुप्रिया पाठक, गया (बिहार) अनुज लुगुन तथा राँची (झारखंड) से आदिवासी युवा कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की इस संगोष्ठी में शिरकत करेंगीविख्यात कथाकार अखिलेश जी समापन वक्तव्य देंगेसमापन सत्र में नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री श्री व्योमेश शुक्ल विशेष वक्तव्य देंगेसमापन सत्र की अध्यक्षता बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह करेंगे। 

आशीष त्रिपाठी 

समन्वयक 

महिला अध्ययन एवं विकास केन्द्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी 

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