– सबसे प्राचीन भारतीय तीर्थ स्थल काशी में “मध्यम- अक्षय कलायात्रा-2” 17 जुलाई से पाँच दिवसीय अखिल भारतीय कला शिविर में देश के छः राज्यों से 24 कलाकारों का होगा जमावड़ा, करेंगे कला का प्रदर्शन।
लखनऊ, 15 जुलाई 2024, पुणे की महत्वपूर्ण कला संस्था हिना भट्ट आर्ट वेंचर्स द्वारा “मध्यम” अक्षय कलायात्रा-2 पाँच दिवसीय चित्र कला शिविर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गंगा नदी के तट पर स्थित सबसे प्राचीन व धार्मिक – सांस्कृतिक नगरी, कई धर्मों की महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल वाराणसी में आगामी 17 से 22 जुलाई 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित काशी के सामने घाट पर स्थित एक खूबसूरत और मनोरम कलास्थल राम छाटपार शिल्पन्यास परिसर में किया जाएगा। इस अखिल भारतीय कला शिविर में लखनऊ के दो युवा चित्रकार भूपेंद्र कुमार अस्थाना और संजय राज भाग लेंगे। शिविर में भारत के उत्तर मध्य राज्यों से कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार राज्यों से 24 वरिष्ठ व युवा कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। भाग लेने वाले प्रमुख कलाकारों में मध्यप्रदेश से यूसुफ – भोपाल, पद्मश्री भूरी बाई – भोपाल, लाडो बाई – भोपाल, डॉ. विम्मी मनोज-इंदौर,सुप्रिया अंबर-जबलपुर,उदय गोस्वामी-भोपाल,डॉ. सोनम सिकरवार-भोपाल,लकी जायसवाल-इंदौर, रांची (झारखंड) से हरेन ठाकुर , उत्तर प्रदेश राज्य से प्रोफेसर मृदुला सिन्हा – वाराणसी, पूनम चंद्रिका त्यागी – ग्रेटर नोएडा,अनुप कुमार चंद-गाजियाबाद,डॉ. सुनील विश्वकर्मा-वाराणसी, अनिल शर्मा-वाराणसी,कृति केसी सक्सेना-आगरा, सुरेश जांगिड़-वाराणसी,भूपेन्द्र कुमार अस्थाना-लखनऊ,राजीब सिकदर-अलीगढ़, संजय कुमार राज-लखनऊ, बिहार राज्य से मोहम्मद सुलेमान – समस्तीपुर, अनिता कुमारी-पटना, उत्तराखंड राज्य से रबी पाशी-नैनीताल, छत्तीसगढ़ से अंबरीश मिश्रा-खैरागढ़, और महाराष्ट्र राज्य से हिना भट्ट-पुणे हैं। शिविर की क्यूरेटर पुणे महाराष्ट्र की हिना भट्ट और कोऑर्डिनेटर वाराणसी के कलाकार अनिल शर्मा हैं।
यह कला शिविर एक अनोखा कला शिविर है जो कलाकारों को अपने साथी कलाकारों और कला प्रेमियों के साथ जुड़ने और संवाद करने के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत कला कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह कला क्षेत्र का एक बड़ा आयोजन है।
हिना भट्ट आर्ट वेंचर की निदेशक, क्यूरेटर हिना भट्ट कहती हैं कि इस शिविर का आयोजन देश के सांस्कृतिक ताने-बाने में और अधिक घनिष्ठता पैदा करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह विभिन्न क्षेत्रों, कला, संस्कृतियों और पृष्ठभूमि के कलाकारों को एक साथ लाकर उन्हें अपने विचारों को अपने कला माध्यम से अभिव्यक्त करने और आदान-प्रदान करने के लिए मंच देना है। शिविर के दौरान ही 20 जुलाई की शाम 4 से 6 बजे तक विज़िटर्स डे में कला के छात्र , कलाप्रेमी और अन्य कलाकार शिविर में भाग लेने वाले कलाकारों के साथ बातचीत कर सकेंगे। इससे कला प्रेमियों को कलाकारों के दृष्टिकोण पर चर्चा करने और सीखने तथा उनकी विचार प्रक्रिया और यात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।