प्रतिष्ठित अतिथियों ने साझा की दृष्टि, रणनीति और सफलताओं की कहानियाँ, युवाओं को किया सशक्त

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वाणिज्य संकाय में आज ‘उद्योग क्रॉसरोड: हाउ टू कॉन्कर द बिग शार्क्स’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। प्लैटिनम हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम ने युवाओं के भीतर छिपे औद्योगिक जुनून को न सिर्फ उजागर किया, बल्कि उन्हें प्रेरणा, ज्ञान और मार्गदर्शन का अद्भुत मंच भी प्रदान किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह के सारगर्भित संबोधन से हुआ। उन्होंने कहा:

“उद्योग केवल व्यापार स्थापित करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समस्याओं को अवसर में बदलने की प्रक्रिया है। युवाओं को आर्थिक और वाणिज्यिक चुनौतियों को समझकर समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाना चाहिए और नौकरी चाहने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनना चाहिए।”

आईआईटी-बीएचयू के पूर्व शोध एवं विकास अधिष्ठाता प्रो. विकास दुबे ने नवाचार और शोध को औद्योगिक सफलता की कुंजी बताते हुए छात्रों से अपने ज्ञान को व्यावहारिक रूप से लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा:

“विकसित भारत 2047 की परिकल्पना हमारे लिए एक स्पष्ट दिशा है। आज हम गहन तकनीकी शोधों के माध्यम से ऐसा भारत बना सकते हैं जहाँ उद्योग नवाचार के साथ कदम मिलाकर चले।”

आईआईटी-बीएचयू के कुलसचिव श्री राजन श्रीवास्तव ने शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा:

“सच्ची सफलता वह है जो ना केवल प्राप्त हो, बल्कि टिकाऊ भी हो। इसके लिए उद्देश्य, धैर्य और लचीलापन अनिवार्य हैं।”

शार्क टैंक इंडिया की प्रतिभागी एवं सफल उद्योगपति श्रीमती सिखा शाह ने अपनी यात्रा साझा करते हुए कहा:

“सच्चे उद्योगपति पारंपरिक रास्तों से हटकर सोचते हैं। वे समस्याओं का चयन बुद्धिमानी से करते हैं और असफलता को सीखने की कीमत मानते हैं। नेतृत्व की पाँच बुनियादी बातें हैं—जिज्ञासा, आत्मबोध, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, लचीलापन और दिशा बदलने की क्षमता।”

दृष्टिबाधित उद्योगपति श्री सत्य प्रकाश मालवीय ने अपने संघर्ष की कहानी साझा करते हुए कहा:

“सफलता के लिए सबसे ज़रूरी है इच्छा-शक्ति। मैंने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा ली और कभी नेतृत्व के अवसर को छोड़ा नहीं, चाहे पढ़ाई हो या स्कूल आयोजनों की जिम्मेदारी।”

वाणिज्य संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एच. के. सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए युवाओं को ऐसे प्रभावशाली मंच प्रदान करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. राखी गुप्ता की दूरदर्शिता और कठिन परिश्रम ने इस आयोजन को संभव बनाया।

डॉ. इशी मोहन ने सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं सहभागियों को धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया।

कार्यक्रम का समापन संवादात्मक सत्रों और जीवंत चर्चाओं के साथ हुआ, जिसने उपस्थित सभी छात्रों को ऊर्जा और दिशा प्रदान की।

‘उद्योग क्रॉसरोड’ सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवाओं में छिपे साहस, रचनात्मकता और औद्योगिक भावना का उत्सव था।

इस अवसर को और भी गौरवशाली बनाया प्रो. प्रियंका गीते, प्रो. डी. साहू, डॉ. वंदना सोनकर, डॉ. मीनाक्षी सिंह, डॉ. चिन्मय रॉय, डॉ. आशीष कांत, डॉ. आंचल सिंह, डॉ. अवधेश सिंह, प्रो. एस. सी. दास, प्रो. वी. एस. सुंदरम, प्रो. एस. एन. झा तथा अन्य अनेक विशिष्ट अतिथियों ने, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

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