पटनाः यहाँ के चार मजदूर संगठनों द्वारा 12 सितंबर गुरुवार को संयुक्त रूप से विभिन्न चौक-चौराहों पर नए आपराधिक कानून के विरोध में नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं और परचे बांटे गए। चार मजदूर संगठन — आई.एफ.टी.यू (सर्वहारा) , ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार, ए.आई.एफ.टी.यू ( न्यू) और बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन — पिछले दिनों चर्चा के दौरान इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि 1 जुलाई, 2024 से लागू नए आपराधिक कानून जिसके बारे में केंद्र में सत्तासीन फासीवादी पार्टी भाजपानीत सरकार, जनता को मिलने वाले ‘न्याय’ का ढिंढोरा पीट रही है, दरअसल यह देश की न्याय- प्रणाली में घोर जनविरोधी बदलाव है। यह मजदूर- मेहनतकश जनता की आवाज को बंद करने, उसके संघर्षों को कुचलने व उसे उत्पीड़ित करने की दिशा में बढ़ाया गया घोर प्रतिक्रियावादी, फासीवादी कदम है। इस नए कानून के प्रति मजदूरों, मेहनतकश लोगों और आम जनता को जागरूक करना और आ चुके खतरों के प्रति सचेत करना आज की फौरी जरूरत है।
इसी के मद्देनजर कल पहला संयुक्त कार्यक्रम लिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8 बजे मुन्ना चौक पर पर्चा -वितरण और नुक्कड़ सभा से हुई । यहांँ सभा को साथी इंद्रजीत और साथी राधेश्याम ने संबोधित किया। वहांँ से मजदूर संगठन के साथियों का जत्था जुलूस की शक्ल में नारे लगाते और नए कानून की मूल बातों के बारे में माइक द्वारा प्रचार – प्रसार करते , राहगीरों, दुकानदारों, ठेला-रेहड़ीवालों, रिक्शा – ऑटो रिक्शा वालों के बीच पर्चा वितरित करते मलाहीपकड़ी चौक पहुँचा जहांँ दूसरी नुक्कड़ सभा हुई। यहांँ सभा को साथी सतीश कुमार, साथी आदित्य कमल, साथी विदुषी ने संबोधित किया। नुक्कड़ सभाओं का संचालन साथी आकांक्षा और साथी जय प्रकाश कर रहे थे।
कल के कार्यक्रम की बेहद उत्साहवर्धक बात यह थी कि भीषण उमस भरी गर्मी में भी साथियों ने करीब आठ किलोमीटर का पैदल मार्च किया और पूरे जोश और उत्साह के साथ प्रचार कार्य करते रहे। मलाहीपकड़ी से साथियों का जत्था कंकड़बाग गोलंबर(ऑटो स्टैंड) पहुंँचा तथा अंत में चिड़ैयाटांड पुल के पास कार्यक्रम का समापन हुआ। आगे के कार्यक्रमों को साथी राम लखन, साथी पिंटु कुमार,साथी धनंजय, साथी रंजीत आदि ने संबोधित किया। पूरे कार्यक्रम में चारों संगठनों के नेतृत्वकारी साथी नंदकिशोर सिंह, सतीश कुमार, अजय सिन्हा, जयप्रकाश, नरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे और इस प्रचार अभियान में भाग लिया। लगभग दोपहर के एक बजे तक कार्यक्रम चला और हर स्थल पर गर्मी के बावजूद लोगों की उपस्थिति रही। लोग कानून के बारे में जानना चाहते थे। कई लोग स्वयं अपनी पहलकदमी पर पर्चा मांँगते और लेते दिखे। चारों मजदूर संगठनों ने इस संयुक्त अभियान को आगे भी जारी रखने का फैसला किया है।
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