प्रयागराजः कार्टूनिस्ट की सृजनशीलता अद्भुत होती है। वह एकांत के क्षणों में आपका मनोरंजन करती है तो देश दुनिया के बारे में चल रही घटनाओं पर व्यंग्य के जरिए प्रकाश भी डालती है। मैं आज भी एकांत में टॉम एंड जेरी के कार्टून देखती हूं और कार्टून ने तो बच्चों को कितना सिखाया है। पोपेई नाम के कार्टून ने बच्चों को पालक खाना सीखा दिया। ये बातें इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने दृश्य कला विभाग में स्व. शिक्षार्थी स्मृति कार्टून चित्र की प्रदर्शनी में कहीं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग एवं केंद्रीय सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में 17 फरवरी 2024 को साहित्यकार, कार्टूनिस्ट स्व. शिक्षार्थी जी की स्मृति में कार्यशाला, कार्टून चित्र प्रदर्शनी, पुस्तक विमोचन व सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट पत्रकार ,पर्यावरणविद , नाटककार आबिद सुरती थे जिनके बनाए गए कार्टून और चरित्र भी प्रदर्शनी में शामिल थे। यह कार्टून दृश्यकला विभाग में आयोजित कार्यशाला के दौरान निर्मित हुआ था।
आबिद सुरती जी ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मैं दृश्य कला विभाग की यह प्रदर्शनी देख कर अभिभूत हुआ मैंने बहुत से प्रदर्शनियों का उद्घाटन देखा है लेकिन यह अभूतपूर्व है। अध्यक्षीय भाषण में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने व्यंग्य चित्रों की संदेश देने की ताकत के बारे में बात की और विद्यार्थियों को कहा कि इस सृजनशीलता से वह कुछ सीखें। उन्होंने धर्मयुग के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह ढब्बू जी के कारण पत्रिका का पिछला पन्ना पहले पढ़ती थीं।
कार्यक्रम में स्व. शिक्षार्थी जी की कार्टून पुस्तिका का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दृश्य कला विभाग और सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. अजय जेटली ने कहा कि आज की प्रदर्शनी और कार्यक्रम देख कर उन्हें संतोष हो रहा है कि वह विभाग को जिस तरह सजाने का सपना देख रहे थे वह साकार होता लगा रहा है।
कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. एन.के. शुक्ला, प्रो. संजय सक्सेना, प्रो. जया कपूर चड्ढा, प्रो. बेचन शर्मा, प्रो. के. एन. उत्तम, प्रो. अनुपम पांडेय, प्रो. शबनम हमीद, प्रो. अनिता गोपेश के साथ शिक्षार्थी परिवार से भावना शिक्षार्थी, अनुभव शिक्षार्थी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अमितेश कुमार ने किया, स्वागत वक्तव्य मोना अग्निहोत्री ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन किया विशाल जैन ने। केंद्रीय संस्कृतिक समिति के सदस्यों अमित सिंह, विशाल विजय, अमृता, के साथ दृश्य कला विभाग के अध्यापक सचिन, शौमिक के साथ शोधार्थी और छात्र भी अच्छी संख्या में मौजूद थे।
18 फरवरी 2024 को दूसरे दिन ‘पर्यावरण, साहित्य, कार्टून और रंग कर्म की दुनिया’ विषय पर श्री आबिद सुरती जी का व्याख्यान होगा। वरिष्ठ साहित्यकार एवं समालोचक प्रो.राजेंद्र कुमार कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। कार्टून प्रदर्शनी 17, 18 और 19 को विभाग में देखी जा सकती है।
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