हम सबको एकजुट होकर देश में स्वच्छता के भाव को जगाना हैः डॉ. प्रियंका सोनकर
By hamaramorcha|2024-09-26T13:00:41+00:00September 26, 2024|Categories: साहित्य|
स्वच्छता से अच्छा स्वास्थ्य और आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ होती है- डॉ. वैभव जायसवाल वाराणसीः राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के 55 वर्ष पूरे होने पर एनएसएस इकाई 002C, कला [...]
“हिंदी ग़ज़ल के परिप्रेक्ष्य में ग़ज़लों का बेहतरीन मूल्यांकन”
By hamaramorcha|2024-09-25T04:19:23+00:00September 24, 2024|Categories: साहित्य|
वाराणसीः बीएचयू के हिंदी विभाग के आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में प्रसिद्ध ग़ज़लकार और समालोचक प्रो. वशिष्ठ अनूप की आलोचना कृति 'हिंदी ग़ज़ल का परिप्रेक्ष्य' का लोकार्पण और परिचर्चा हुई, जिसकी [...]
परंपरा की पुनर्नवता की कविताएं हैं ‘रेत में आकृतियां’: प्रो वशिष्ठ अनूप
By hamaramorcha|2024-09-23T13:28:24+00:00September 23, 2024|Categories: साहित्य|
वाराणसीः सुप्रसिद्ध कवि श्रीप्रकाश शुक्ल के काव्य संग्रह 'रेत में आकृतियाँ' के पेपरबैक संस्करण का लोकार्पण हिंदी विभाग के आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में किया गया। इस संग्रह का प्रकाशन [...]
प्रेमचंद ने मानवता की ज्योति जलाकर रखी है : प्रो. आनंद कुमार त्यागी
By hamaramorcha|2024-09-21T12:42:25+00:00September 21, 2024|Categories: साहित्य|
वाराणसीः "ज्ञान के असली स्वरूप को उभारने हेतु अध्ययन के साथ-साथ भ्रमण की आवश्यकता है। हमारे ऋषि-महर्षि भ्रमण किया करते थे। मालवीय जी ने नाभा रेलवे स्टेशन से नाभा जी [...]
डॉ. किंगसन ने की प्रेमचंद की कहानियों में आई किसानों, जमींदारी प्रथा और भूमि से संबद्ध समस्याओं पर बात
By hamaramorcha|2024-09-20T14:45:31+00:00September 20, 2024|Categories: साहित्य|
जहांँ खेत और किसान हैं, वहांँ प्रेमचंद मौजूद हैं : प्रो. पुष्पिता अवस्थी वाराणसी: "जैसे विश्व पर मैक्सिम गोर्की के 'माँ' उपन्यास का प्रभाव पड़ा, वैसे ही प्रेमचंद के 'गोदान' और [...]
रंगभूमि उपन्यास का सूरदास अंत तक लड़ता रहता है और हार नहीं मानताः डॉ. किंगसन
By hamaramorcha|2024-09-19T13:43:23+00:00September 19, 2024|Categories: साहित्य|
'रंगभूमि' के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हिंदी विभाग, बी एच यू में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ ---------------------- 'रंगभूमि' के चुनिंदा अंशों का मंचन एवं 'हिंदी गजल के [...]
‘रंगभूमि’ के सौ साल’ पर अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी 19 से 21 सितंबर तक
By hamaramorcha|2024-09-17T13:10:12+00:00September 17, 2024|Categories: साहित्य|
वाराणसीः हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा 19 से 21 सितम्बर, 2024 को 'प्रेमचन्द की विशिष्ट कृति 'रंगभूमि' के सौ साल' विषयक त्रिदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा [...]
‘हिंदी कविता को आज अगर प्रासंगिक रहना है तो उसे अंतिम जन से जुड़ना होगा’
By hamaramorcha|2024-09-15T08:07:15+00:00September 15, 2024|Categories: साहित्य|
अलीगढ़ 14 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कला संकाय के सभागार में राजभाषा (हिंदी) कार्यान्वयन समिति द्वारा आयोजित हिंदी दिवस के अवसर पर ‘हिंदी सप्ताह समारोह’ का उद्घाटन करते हुए [...]
भारतेंदु ने भाषा का विस्तार 3 स्तरों पर किया यानि कि धर्म, ज्ञान और बाजारः प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल
By hamaramorcha|2024-09-15T08:02:25+00:00September 15, 2024|Categories: साहित्य|
वाराणसीः 14 सितंबर को "हिंदी दिवस" के उपलक्ष्य में हिंदी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में "ज्ञान की भाषा हिंदी: संभावनाएँ एवं सीमाएँ" विषय पर परिचर्चा [...]
पढ़ी जाएं अनुज लुगुन की कविताएं
By hamaramorcha|2024-09-14T02:18:15+00:00September 12, 2024|Categories: साहित्य|
एकलव्य की कथा सुनकर मैं हमेशा इस उधेड़बुन में रहा हूं कि द्रोण को अपना अँगूठा दान करने के बाद उसकी तीरंदाजी कहाँ गई? क्या वह उसी तरह का तीरंदाज [...]