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वाराणसीः युवा हिन्दी संस्थान और न्यूयार्क विश्वविद्यालय, अमेरिका तथा हिंदी अनुभाग, महिला महाविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की संयुक्त पहल में व्याख्यान सह परस्पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरानुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ।

उसके बाद फुलब्राइट-हेस कार्यक्रम 2023 के प्रतिभागियों के लिए प्रेमचंद की कहानियों पर केन्द्रित व्याख्यान एवं परस्पर संवाद कार्यक्रम में  प्रो.रीता सिंह (प्राचार्या, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने सभी अतिथिगण का स्वागत किया। उनका मानना है कि हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। जब हम अपनी मातृभाषा का सम्मान करेंगे तभी दूसरे लोगों का उस तरफ न सिर्फ झुकाव बढ़ेगा बल्कि उस ओर अग्रसर भी होंगे।

“ईदगाह” नाटिका का एक दृश्य। ९ मार्च को प्रेमचंद रचित कहानी पर आधारित इस नाटिकाका मंचन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय महिला महाविद्यालय सभागृह में अमेरिका से पधारे फ़ुलब्राइट-हेस अध्ययन दल के सदस्यों के लिए किया गया।

श्री अशोक ओझा (युवा हिंदी संस्थान अमेरिका) ने अपने संस्थान के मूल उद्देश्य के साथ भाषा के महत्व को भी चिन्हित किया। साथ ही प्रेमचंद के समग्र साहित्यिक अवदान को साझा किया। आगे बातचीत में उन्होंने इस परिसंवाद से बहुत कुछ सीखकर जाने की उम्मीद भी जताई। प्रो.गेब्रियाला निकैलिएवा, आचार्य हिंदी विभाग (न्यूयार्क विश्वविद्यालय अमेरिका) ने कहा कि प्रेमचंद केवल भारतभूमि ही नहीं बल्कि अनेक देशों की समस्याओं को भारतीय दृष्टिकोण से देखने कार्य किया।  उन्होंने साहित्य के मूल में  समाज की समस्याओं को रखा।

व्याख्यान एवं संवाद : सत्र में प्रो. आभा गुप्ता ठाकुर (हिंदी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने  बताया कि प्रेमचंद ने हमारी परम्पराओं से आधार ग्रहण किया। ‘ईदगाह’ कहानी को केंद्र में रखकर उन्होंने बताया कि हमें अपने मानवीय मूल्यों का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि प्रेमचंद का साहित्य हमें एक बेहतर मनुष्य बनाने  के लिए प्रेरित करता है। प्रो. नीरज खरे (हिंदी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी) ने कहा कि ‘ईदगाह’ में मानवीय मूल्यों के आगे बाजार निरर्थक है। प्रेमचंद भारत और भारतीय मूल्यों को जानने के लिए एक महत्वपूर्ण लेखक है।
संयोजन डॉ.उर्वशी गहलौत (हिंदी अनुभाग, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने किया। उन्होंने बताया कि ‘ईदगाह’ में बाल मनोविज्ञान का सुंदर चित्रण हुआ है। इस अवसर पर बाल रंगमण्डल, वाराणसी द्वारा ‘ईदगाह’ कहानी का सुंदर  और सजीव मंचन हुआ। इस सह संवाद कार्यक्रम में प्रो० वशिष्ठ द्विवेदी‘अनूप’ (विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग) प्रो०आनंद वर्धन शर्मा, डॉ० हरीश कुमार, डॉ० धीरेन्द्रनाथ चौबे, डॉ० सुवर्णा पांडेय , सुरेश कुमार सहित अन्य सम्मानित गण उपस्थित रहे।

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