लखनऊः फैकल्टी ऑफ़ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन तथा मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान,नई दिल्ली, आयुष मंत्रालय,भारत सरकार के तत्वाधान में 15 मार्च 2024 को प्रातः 7.00 बजे क्रीड़ा स्थल लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, नवीन परिसर, जानकीपुरम में योग महोत्सव का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया
इस दौरान आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्मित कॉमन योग प्रोटोकॉल का 45 मिनट योगाभ्यास कराया गया, जिसमे आसान, प्राणायाम, ध्यान प्रमुख थे।
मोरारजी राष्ट्रीय योग संस्थान,नई दिल्ली योग के प्रचार, प्रसार, उपचार एवं शोध में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
फ़ैकल्टी के कोआर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि देश में मधुमेह के सर्वाधिक रोगी है साथ ही दिन प्रतिदिन भारी संख्या में तनाव साथ उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या तेज़ी से बड़ती जा रही हैं। इन रोगों के उपचार के लिए योग प्रमुख रूप से भूमिका निभाता है। आगे डॉ यादव ने मधुमेंह के रोगियों के लिए लाभदायक प्रमुख आसनों का वर्णन किया जिसमे कटिचक्रसन, पादहस्तासन्, अर्धमत्सेंद्रासन, मयूरासन। इसके अतिरिक्त अन्य कई आसन बताये साथ ही प्राणायाम में कपालभाति प्राणायाम को प्रमुख बताया। तनाव के उपचार के लिए डॉ.यादव ने शाशांक आसन, हलासन् तथा मर्जरी आसन के साथ ही अनुलोम विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम को प्रमुख बताया। उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिए उत्कटासन भद्रासन, तथा मृत्स्यासन तथा अनुलोम विलोम प्राणायाम अधिक लाभकारी होता है। अवसाद की स्थिति में कपालभाती प्राणायाम के अभ्यास से काफ़ी लाभ पहुँचता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. राजेंद्र प्रसाद, पूर्व निदेशक, पटेल चेस्ट संस्थान, दिल्ली विश्विद्यालय, दिल्ली ने अपने संबोधन में बताया की फेफड़े शरीर के प्रमुख अंग हैं जिसका स्वस्थ्य होना अतिआवश्यक है इसकी शक्ति बढ़ाने के लिए धनुरासन सर्वाधिक लाभकारी है इसके अतिरिक्त गौमुख आसान भुजंगासन, त्रिकोण आसान, हलासन आदि है। आगे उन्होंने बताया कि इन आसनों का दिन प्रतिदिन अभ्यास करने से फेफड़ों से संबंधित होने वाले रोगों से बचा जा सकता है। साथ ही फेफड़ों की शक्ति पहले से अधिक बढ़ जाती है।
प्रो. अशोक कुमार सोनकर, अधिष्ठाता फैकल्टी ऑफ़ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को फिट रहना बहुत आवश्यक है, जिसके लिए उन्होंने योगअभ्यास, प्राणायाम, ध्यान, एवं मुद्रा द्वारा व्यक्ति को फिट रहने का मंत्र बताया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. बी.डी. सिंह, अधिष्ठाता विधि संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय अपने सम्बोधन में व्यक्तित्व निर्माण लिए योग के आचरण को अपने जीवन में अपना कर उत्कृष्ठ बना जा सकता है आगे उन्होंने बताया कि उचित आचार, विचार, व्यवहार, यम, नियम द्वारा ही किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण संभव है आदि विषय पर प्रकाश डाला।
फैकल्टी के सभागार में दोपहर 12.00 बजे योग विज्ञान पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमे कृष्ण कुमार शुक्ला, अनिल कुमार गुप्ता, डॉ सतेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ सुधीर मिश्रा, उमेश कुमार शुक्ला, श्रीमती प्रियंका राय, शोभित सिंह ने सभा को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ राम किशोर, डॉ.राम नरेश, शोभित सिंह, शिल्पिका सिंह, लक्ष्मी रानी यादव, यशी गुप्ता, मोनिका सिंह यादव, स्वर्णिमा गौतम, सवितारंजन, राजेंद्र दिवाकर, शिखर शुक्ला को सम्मानित किया गया।
संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान फ़ैकल्टी के सभी शिक्षकगण बाहर से आए हुए योग के विषय विशेषज्ञ, छात्र-छात्राएँ तथा कर्मचारियों के अतिरिक्त सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।