वाराणसीः पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा, मिर्ज़ापुर में डॉ. वर्गीस कुरियन की 103वीं जयंती “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस” के रूप में मनाई, जिन्हें “भारत में श्वेत क्रांति के जनक” के रूप में भी जाना जाता है। कार्यक्रम में डेयरी क्षेत्र में डॉ. कुरियन के अपार योगदान का सराहा गया और भारत की आर्थिक वृद्धि और पोषण सुरक्षा में उनकी भूमिका पर जोर दिया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर वी. के. सिंह, विभागाध्यक्ष, पशु पोषण विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, अयोध्या (उ.प्र.) और विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अंजनी कुमार मिश्रा, पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, रीवा (म.प्र.) उपस्थित रहे।
समारोह की अध्यक्षता प्रोफेसर शाहिद प्रवेज, विभागाध्यक्ष, औषधि एवं विष विज्ञान और पूर्व संकाय प्रमुख ने की। आयोजन समिति के सचिव डॉ. महिपाल चौबे ने आयोजन की अवधारणा और विवरण के बारे में विस्तार से बताया, जबकि डॉ. उत्कर्ष त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया और डॉ. वर्गीज कुरियन के जीवन इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रो. वी. के. सिंह ने दुग्ध उत्पादन में देश और राज्यों की स्थिति से अवगत करते हुए हरित डेयरी उत्पादन के लिए पशु पोषण की विभिन्न तकनीकों के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया, जबकि प्रो. अंजनी कुमार मिश्रा ने भारतीय परिस्थितियों में सतत डेयरी उत्पादन के लिए प्रबंधन तकनीकों को को रेखांकित करते हुए प्रतिभागियों से से गहन मंत्रणा की। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्यों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी और उपस्थिति देखी गई।
दूसरे सत्र में डॉ. धनंजय कुमार द्वारा स्वास्थ्य के आधार के रूप में गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों पर चर्चा की गई, जिसके बाद डॉ. अजय कुमार चतुर्वेदानी द्वारा डेयरी क्षेत्र में मुद्दों और आगे के तरीकों पर चर्चा की गई। व्याख्यानों और चर्चाओं ने भारतीय डेयरी क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करते हुए टिकाऊ डेयरी खेती, गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन और नवीन प्रबंधन प्रथाओं के बारे में भी चर्चा की गयी जिसका सभी छात्रों ने सराहना की।
छात्र सलाहकार डॉ. अभिषेक कुमार सिंह ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए, छात्रों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, डॉ. अनुराधा कुमारी, डॉ. अर्चना महापात्रा, डॉ. विनीत एम आर, डॉ. महेश एम एस, डॉ. अंशुमान कुमार, डॉ. अजीत कुमार सिंह, डॉ.सौरभ करुणामय और डॉ. कौस्तुभ सराफ भी मौजूद थे और उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपनी भूमिका निभाते हुए पूर्ण सहयोग दिया।
संकाय के शिक्षकों एवं छात्रों ने डेयरी उत्पादन मानकों को बढ़ने के प्रयास एवं डॉ. कुरियन की विरासत को जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ. संदीप चौधरी ने अंत में सभी अतिथियों, संकाय सदस्यों एवं छात्रों को उनके भागीदारी एवं सहयोग के लिए धन्यावद ज्ञापन किया।