वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के नाक, कान व गला विभाग में दो बहनों का सफल कोकलियर इंप्लांट किया गया है। ये दोनो बहने सात वर्ष की आयु तक सुन सकती थी, तथा इनकी बोलने की क्षमता भी विकसित हो गई थी परन्तु सात वर्ष की आयु के बाद इनकी श्रवण शक्ति कमजोर होने लगी। एक वक्त ऐसा आया जब दोनो बहनो को सुनाई देना बन्द हो गया, एक बहन 11 वर्ष की उम्र में तथा दूसरी लगभग 16 वर्ष की उम्र में सुनने की शक्ति खो चुकी थी। हालांकि दोनो को बोलने में कोई दिक्कत नहीं थी।
चिकित्सकों द्वारा दोनो बहनो की स्थिति का अध्ययन करने के बाद यह पाया गया कि चिकित्सकीय तौर पर पूरी तरह फिट होने के कारण एवं कोई और जटिलता न होने से इन बहनो में कोकलियर इंप्लांट किया जा सकता है। विभाग के चिकित्सकों डॉ. विश्वम्भर सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. अर्पित गोयल, तथा डॉ. संजय कुमार की टीम ने दोनो बहनो का सफल कोकलियर इंप्लांट किया। डॉ. अनिल पासवान ने एनेस्थिसिया सहयोग उपलब्ध कराया। इंप्लांट के लिए इन लड़कियों के परिवार का कोई खर्च बहन नही करना पड़ा। चिकित्सकों के अनुसार सुनने की क्षमता में आई जटिलता किसी अनुवॉशिक (जेनेटिक) स्थिति का परिणाम हो सकता है, हालांकि अभी इसका अध्ययन किया जा रहा है।
सम्पर्क सूत्र- डॉ. विश्वम्भर सिंह-9452970603, 7754804646