मेरा नाम दीपक कुमार है,मैं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दृश्य कला संकाय के “वस्त्र कला अनुभाग “ से स्नातक तथा परस्नातक की शिक्षा ग्रहण किया हूं। जिसमे मेरी मार्गदर्शिका डॉ. किरण गुप्ता मैम का सहृदय धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे विचारो को कलाकृतियों के माध्यम से प्रदर्शित करने में मेरा मार्गदर्शन किया ।मेरा जन्म 16 जनवरी 1995 ई ० को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय शहर में हुआ। मेरी प्रारंभिक शिक्षा कुदरा गांव के नजदीकी विद्यालय से हुई है।
मुझे बचपन से ही कला के प्रति अधिक लगाव रहा है पढ़ाई के साथ साथ चित्रण भी किया करता था। पढ़ाई के दौरान अनेक ललित कला प्रतियोगिताओं में भाग भी लिया ।
मैं 2017 ई ० में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में बी एफ ए में प्रवेश लिया ताकि मैं कला के बारीकियों को और अधिक गहराई से जान सकू ताकि मैं अपनी कला को एक नया आयाम दे सकू ।
मुझे वस्त्रों पर बना अलंकरण बहुत ज्यादा आकर्षित करता था ,अतः वस्त्र कला बहुत ही रुचिकर लगी और मैं वस्त्रों का प्रयोग कर अपनी विचारो को लोगो तक पहुंचने का प्रयास किया है।
मेरी कलाकृतियां बीते हुए कल और वर्तमान में चल रहे लोगो के जीवन से जुड़ी मानसिक और दैहिक क्रियाओं को लेकर है। ताकि लोग अपने जीवन को और सरल सुखद आनंदित बना सके।
रु चिंतन प्रदर्शिनी का उद्घाटन चीफ गेस्ट डॉ. अनुपम कुमार नेमा सर व पद्म श्री विजय शर्मा जी,तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. उत्तमा मैम ने किया ।
इस चारु चिंतन प्रदर्शिनी के उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से सुरेश के नायर, डॉ. शांति स्वरूप सिंहा, डॉ. ललित मोहन सोनी,कला वीथिका के प्रभारी डॉ.सुरेश चंद्र जांगिड़ एवम अन्य सभी लोग उपस्थित रहे। इस चारु चिंतन प्रदर्शिनी में मेरी कलाओं को गुरुजनों एवम सभी दर्शकों द्वारा बहुत उत्साहपूर्ण सराहनाए मिली और मुझे गुरुजनों द्वारा अपनी कलाओं को भविष्य में इससे और बेहतर करने का प्रोत्साहन भी मिला। अतः मैं अपने सपरिवार,गुरुजनों एव अपने सभी सहपाठियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं।
Artist- deepak kumar
Contact- 6386949840