वाराणसीः इंकवेल साहित्य क्लब बीएचयू का प्रथम समारोह ‘साहित्यकुंभ’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ नागरी-प्रचारणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल एवं भारत कला भवन के निदेशक प्रो श्रीरूप रॉय चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर एवं मालवीय जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने से किया। तदोपरांत अतीथियों द्वारा अभिभाषण का सिलसिला शुरू हुआ। छात्र कल्याण पहल के संयोजक डॉ प्रवीण राणा ने सभी का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इंकवेल एवं छात्र कल्याण परियोजना से भी अवगत कराया।



प्रोफेसर श्रीरूप रॉय चौधरी ने साहित्य की महत्ता का व्याख्यान किया। उन्होंने बताया कि किसी भी संस्कृति की आत्मा उसकी साहित्य में होती हैं। अपने शब्दों को विराम देते हुए उन्होंने डिलन थॉमस की कविता ‘नोट ऑन आर्ट ऑफ पोयट्री’ का पाठ किया।
डॉ व्योमेश शुक्ल ने अपने अभिभाषण में समय के महत्व के बारे में बताते हुए कहा “समय मुझको नष्ट करता, मैं समय बर्बाद करता।” उन्होंने नागरी प्रचारिणी सभा के बारे में बताते हुए, भारत कला भवन के बनने में उसके योगदान के बारे मे बताया। उन्होंने साहित्य एवं कला की परस्पर निर्भरता के बारे मे बताते हुए कहा कि कैसे प्रशंशा एवं आलोचना दोनों ही कला तथा साहित्य की लिए महत्वपूर्ण हैं। व्योमेश जी ने अपनी कविता 14 भाई बहन का भी पाठ किया । हिंदी साहित्य प्रतियोगिता में शुभम त्रिपाठी ने प्रथम, अक्षय आदित्य, द्वितीय एवं स्वाति श्री ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।
आस्था और धीरज ने प्रथम सत्र की संचालन किया।
अंग्रेजी साहित्य प्रतियोगिता का संचालन
अंग्रेजी साहित्य प्रतियोगिता में पूजा ने प्रथम, ऋतु सिंह ने द्वितीय एवं ऋतुश्री ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।
साहित्य कुंभ का मुख्य आकर्षण बीएचयू के रंगशाला द्वारा “मस्तमौला” का नाट्य मंचन किया गया जिसका निर्देशन तौकीर खान द्वारा किया गया था जिसमें।प्रमुख रूप से रवि ने एक्ट किया।
प्रो धृति, डॉ निशांत, डा राहुल, डा प्रभात, डा विवेक डॉ शैलेन्द्र की विशेष उपस्थिति रही ।
अंत में अभिनव मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।