वाराणसीः पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा, मिर्ज़ापुर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत परियोजना “कुक्कुट पालन: विंध्य क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक कमजोर वर्ग की स्थायी आजीविका के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म” के अन्तर्गत आठवीं तीन दिवसीय बैकयार्ड कुक्कुट पालन प्रशिक्षण कार्यशाला के सफल आयोजन का समापन किया गया।
इस कार्यशाला के अन्तर्गत विंध्य क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक कमजोर वर्ग की संधारणीय आजीविका के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म को एक विकल्प के रूप में चुनने के लिए सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को चुनना, उन्हें प्रशिक्षित करना और उनके कुक्कुट पालन हेतु शुरुवात में सहायता के लिए आवश्यक मूलभूत घटकों की प्राथमिक उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाना शामिल था।
आज समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. अमरेंदर नाथ सिंह, पूर्व निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार रहे, जिन्होंने किसानों के बीच देश मे कुक्कुट पालन की स्थिति, उसका अण्डे एवं मांस उत्पादन में महत्व के साथ साथ कुक्कुट पालन में सहकारिता एवं सहयोग के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक, प्रोफेसर गुरू प्रसाद सिंह रहे जिन्होंने कुक्कुट पालन के साथ साथ पशुपालन आदि के विभिन्न्न आयामों और उनके महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने इस क्षेत्र से अपने अनुभवों को साझा किया और किसानों एवं महिलाओं को कुक्कुट पालन हेतु प्रोत्साहित किया। संकाय प्रमुख प्रो. नरेश कुमार सिंह ने समारोह के सफल आयोजन हेतु आयोजकों को प्रोतसाहित करते हुए प्रतिभागी किसानों को भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने एवं लाभान्वित होने के लिए संकाय से बड़ी संख्या से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
समारोह में कार्यशाला सचिव डॉ उत्कर्ष कुमार त्रिपाठी ने मुर्गी पालन के फायदों और परिवार के आर्थिक संतुलन में कुक्कुट पालन के स्वरूप को समझाया और तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत किया। कार्यशाला सह सचिव डॉ. अनुराधा कुमारी ने परियोजना में महिलाओं हेतु सहभागिता के महत्व से सभी को अवगत कराया और महिलाओं को इसे व्यवसाय के रूप में अपनाने का आह्वान किया एवं कार्यक्रम का संचालन भी किया।
पिछली कार्यशालाओं की सफलता की ही तरह इस बार भी कुल 47 से अधिक लाभार्थियों ने प्रतिभागिता हेतु पंजीकरण किया था जिसके लिए प्राथमिकता स्वरूप जागरूक महिलाओं एवं बेरोजगार युवाओं का चयन किया गया । इस आठवीं तीन दिवसीय कार्यशाला के लिए दांती, लाल गंज, मनिहान, बहुती, कोटवा पाण्डेय, राजगढ़, बिरमापुर, बेलहरा आदि ग्रामीण क्षेत्रों से चयन किया गया।
कार्यशाला का आयोजन 11-13 जुलाई , 2024 तक के लिए किया गया। जिसके समापन के समय प्रतिभागियों को चूजा, दाना, दवा के साथ साथ परियोजना के अंतर्गत प्रकाशित “बैकयार्ड कुक्कुट पालन” शीर्षक से बहुपयोगी पुस्तक का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में परियोजना सह सचिव डॉ. मनीष कुमार एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ संतोष मराण्डी का उल्लेखनीय योगदान रहा। इस कार्यक्रम में डॉ महिपाल चौबे, डॉ संदीप चौधरी, डॉ पवन कुमार यादव, डॉ अभिषेक सिंह, डॉ कुलदीप वर्मा, डॉ विपिन मौर्य, डॉ सरवन, डॉ दयानिधि जेना, डॉ अंशुमान कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों के खिले चेहरे और बेहतर भविष्य की शुभकामना के साथ हुआ।