हिसार: मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 175 लाख रूपये की लागत से स्थापित की गई वेजिटेबल ग्राफ्टिंग यूनिट से सब्जियों की उन्नत किस्मों की रोगमुक्त पौध विकसित करके प्रदेश के किसानों को उपलब्ध करवाई जाएंगी जिससे सब्जी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में भी इजाफा होगा। मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने रविवार को विश्वविद्यालय में नवनिर्मित वेजिटेबल ग्राफ्टिंग यूनिट का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस यूनिट की स्थापना से किसानों की आय बढऩे के साथ उपभोक्ताओं को भी रसायन रहित सब्जियां उपलब्ध हो पायेंगी। उन्होंने बताया कि सब्जी उत्पादन में कीटनाशकों व दवाओ का इस्तेमाल अधिक होने से लागत बढती है साथ ही सब्जियों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, लेकिन ग्राफ्टिंग तकनीक का प्रयोग करके इससे बचा जा सकेगा।
बेरोजगारों व किसानों को ग्राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा: कुलपति
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि ग्राफ्टिंग एक अनूठी बागवानी तकनीक है जिसका उपयोग से निमेटोड व मिट्टी से पैदा होने वाली बीमारियों को दूर करने के लिए या विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुसार पौधे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। ग्राफ्टिंग विधि बैगन, टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च के अलावा कद्दू वर्गीय सब्जी जैसे खीरा, टिंडा, तरबूज़, व खरबूज़ आदि में संभव है। इस तकनीक में जंगली बैंगन पर टमाटर, जंगली मिर्च पर शिमला मिर्च को पोलीहाउस में सूत्रकृमि जनित रोगों से बचाव के लिए ग्राफ्ट किया जा सकता है। साथ ही फिग लीफ गॉर्ड पर खीरे की ग्राफ्टिंग कर अधिक ठण्ड /अजैविक तनाव से बचाया जा सकता है। इस तकनीक से रसायनों के इस्तेमाल के बिना भी मिटटी से होने वाली बीमारियों, निमेटोड व अजैविक तनावो से बचा जा सकता है, साथ ही अधिक उत्पादन और उच्च गुणवत्ता की उपज का लाभ किसानो को मिलेगा। ग्राफ्टिंग यूनिट से लाखों पौधे एक साथ तैयार किए जा सकेगें जिससे उत्तर भारत के हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों के किसानों को भी लाभ पहुचेंगा।
उन्होंने बताया कि ग्राफ्टिंग यूनिट के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली जड़ों पर उच्च पैदावार वाली सब्जियों की पौधे को लगाया जाएगा। सब्जियों में ग्राफ्टिंग तकनीक से पौधे में रोग प्रतिरोधक क्षमता, नैमाटोड प्रतिरोधक क्षमता, उपज में वृद्धि, कम तापमान व उच्च तापमान के प्रति सहिष्णुता, लवणता व बाढ़ सहनशीलता, उन्नत पोषक तत्व का बढऩा आदि फायदे होगें। उन्होनें बताया कि किसानों को ग्राफ्टिंग तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी। बेरोजगार नवयुवकों व किसानों को इस विधि को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
इस अवसर पर मण्डल आयुक्त ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव, एसडीएम ज्योति मित्तल, मुख्य सचिव के ओएसडी हन्नी बंसल, हकृवि के कुलसचिव डॉ पवन कुमार व अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।
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