वाराणसीः एंडोमेट्रियोसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया (ईएसआई) 20 से 22 दिसंबर 2024 तक वाराणसी में पहली राष्ट्रीय एंडोमेट्रियोसिस सम्मेलन का आयोजन कर रही है। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रमुख स्त्री रोग विशेषज्ञों, एंडोमेट्रियोसिस विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को शामिल किया जाएगा। सम्मेलन का उद्देश्य किशोरियों और महिलाओं को प्रभावित करने वाली इस बीमारी पर वैज्ञानिक चर्चा और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना है।
*एंडोमेट्रियोसिस को समझना*
एंडोमेट्रियोसिस एक दर्दनाक और पुरानी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ते हैं। यह आमतौर पर अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और श्रोणि ऊतकों को प्रभावित करता है और मासिक धर्म के दौरान गंभीर दर्द का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि लक्षणों और जटिलताओं को नियंत्रित करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन अभी तक इसका पूर्ण इलाज नहीं खोजा जा सका है। इसीलिए शोध और जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
*सम्मेलन की मुख्य बातें*
यह सम्मेलन एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े चिकित्सा और सामाजिक मुद्दों को संबोधित करेगा। ईएसआई के अध्यक्ष डॉ. पी.एस. महापात्रा और सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित, इस कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र की समन्वयक डॉ. अनुराधा खन्ना, आयोजन अध्यक्ष डॉ. सुधा सिंह और डॉ. नीलम ओहरी, तथा आयोजन सचिव डॉ. संगीता राय का भी योगदान होगा।
*एजेंडा*
– *20 दिसंबर 2024*: चार विशेष कार्यशालाएं
1. कैडावर कार्यशाला
2. नियर-लाइन एंडोस्कोपी
3. बांझपन और एंडोमेट्रियोसिस
4. महिलाओं के स्वास्थ्य में अल्ट्रासाउंड
– *21 दिसंबर 2024*:
– शोध पत्रों की प्रस्तुति और चर्चा
– एंडोमेट्रियोसिस पर सामाजिक जागरूकता सत्र
– *22 दिसंबर 2024*:
– शोध पत्रों का पठन और चर्चा
*गणमान्य अतिथि और उद्घाटन*
सम्मेलन का उद्घाटन *मुख्य अतिथि श्री दया शंकर, माननीय आयुष मंत्री, और विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सदस्य श्रीमती सीमा द्विवेदी द्वारा किया जाएगा।*
*जागरूकता और शोध का आह्वान*
यह ऐतिहासिक सम्मेलन एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारी को संबोधित करने के महत्व को रेखांकित करता है, जो अक्सर निदान न होने या गलत समझे जाने के कारण शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का कारण बनती है। चिकित्सा विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर और शोध को प्रोत्साहित करके, यह सम्मेलन भारत में एंडोमेट्रियोसिस के निदान, उपचार और जागरूकता को बेहतर बनाने का प्रयास करेगा।
पत्रकारवार्ता को स्त्री एवं प्रसूती रोग विभाग की विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन सचिव प्रो. संगीता राय, प्रो. शिखा सचान, डॉ. ममता, डॉ. अनुराधा खन्ना, डॉ. सुधा सिंह, डॉ. नीलम ओहरी, डॉ. मधुलिका सिंह आदि ने सम्बोधित किया।