दिनांक : 16-21 अप्रैल 2025
काशी हिंदू विश्वविद्यालय दृश्य कला संकाय, मूर्तिकला विभाग, से किशन सिंह चौहान
इनकी कलाकृति मुख्य रूप से बनारस धार्मिक शहर पर आधारित हैं, इस प्राचीन, धार्मिक शहर में अधिक समय बिताया है और इसका अनुभव किया है और इसके प्रभाव अन्य कलाकृतियों में भी दिखाई देते हैं, जिसमें बनारस के रंग, बनारस की बनावट, वास्तुकला, बनारस की घुमावदार गलियाँ, घाट, नावें, विश्वनाथ मंदिर के सुनहरे रंग, के साथ संकट मोचन मंदिर में राम भरोसे एक कलाकृति प्रतीकात्मक रूप से प्रदर्शित हैं। कलाकृतियाँ एक ही समय में आराम और उलझन को दर्शाती हैं। अक्सर इनकी कलाकृतियाँ रेक्सीन कपड़े से सिलाई करके बनाई जाती हैं।
राम भरोसे नाव का सम्बन्ध रामायण काल से है जहाँ नाविक प्रभु राम को नाव पार करवाने के बाद पारिश्रमिक के रूप में अपने जीवन रूपी नाव को पार करवाने के लिए कहता है। और नाविक श्री राम जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं,
संकट मोचन संगीत समारोह 102 संस्करण में प्रदर्शित कलाकृतियों का उद्घाटन दिनांक 16/4/ 2025 शाम 6 बजे
हरिप्रसाद चौरसिया बांसुरी वादक संगीत समारोह व कलादीघा में गरिमामय उपस्थिती रही साथ में प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्रा सर कलाकृतियों का अवलोकन किये और उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा सर, आलोचक संपादक हिंदी विभाग, बीएचयू के पर्व समन्वय भोजपुरी अध्ययन के प्रोफेसर श्री प्रकाश शुक्ल सर, प्रोफेसर हिना भट्ट, हिना भट्ट आर्ट फाऊंडेशन के संस्थापक , कला समीक्षक, चित्रकार अनिल शर्मा, मूर्तिकार राजेश कुमार ,
प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने संकट मोचन मंदिर में स्वर्गीय प्रो. वीर भद्र मिश्रा की विरासत को आगे बढ़ा रहे है। आज यह हिंदू भक्तों के लिए पूजा करने और आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है।














प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्रा मंदिर का नेतृत्व करते हैं और इसे हिंदू समुदाय में शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अभयारण्य के रूप में बनाए रखते हैं।
कलाकृतियों में शामिल बनारस की युवा कलाकारों का कलाकृतियां शामिल है जिसमें पेंटिंग फोटोग्राफी मूर्ति शिल्प , इंद्रपाल कुमार, संस्थापक कला, उदय पॉल, सतीश कुमार पटेल साथ में विनय कुमार वर्मा गायक विदुषी वर्मा भी कलाकृतियों का अवलोकन किया,
प्रदर्शनी 21/4/ 2025 तक लगी रहेगी बनारस के कलाकार कलाकृति का कलाकृतियों का आनंद ले रहे हैं और सराहना कर रहे हैं।