हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी कडी में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में जम्भ शक्ति ट्रस्ट एवं नारी नारायणी फाउंडेशन के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा मुख्य अतिथि रही जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अध्यक्षता की।


राज्य सभा सांसद रेखा शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि केवल एक दिन नहीं बल्कि साल के 365 दिन महिलाओं के होते हैं। उन्होंने कार्यक्रम नारी तू नारायणी के बारे में बताते हुए कहा कि नारी तब तक नारायणी है, जब तक पुरूष नारायण है। जब-जब देश पर मुसीबत आई तो नारी शक्ति हमेशा आगे रही है। हम पिछले कई वर्षो से महिला सशक्तिकरण के बारे में सुनते आ रहे हैं महिला वहीं सशक्त है जो अपना फैसला स्वयं ले सकती हो। वह चाहे घर पर काम करने का हो, बाहर जाकर काम करने का हो या फिर पढऩे का हो। हमारी संस्कृति में महिलाओं को हमेशा से सम्मान दिया गया है। उन्होने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, खेलकूद, सुचना प्रोद्योगिकी, समाज सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक करने, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होनें विश्वविद्यालय में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या अधिक होने पर प्रशंसा की। नारी को समाज में समान अधिकार और सम्मान प्रदान करके ही हम एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
महिलाओं के उत्थान में समाज व परिवार की अहम भूमिका: प्रो. बी.आर. काम्बोज
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि समाज एवं राष्ट्र के नव-निर्माण में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय के उत्थान में भी महिलाओं की सराहनीय भूमिका रही है। महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्र ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। उन्होने बताया कि महिलाओं के उत्थान में समाज व परिवार की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए सभी को शिक्षित करना बहुत जरूरी है।  महिला सृष्टि की जननी है और बच्चों के लालन-पालन से लेकर उनके सर्वांगीण विकास करने में अहम भूमिका निभाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को विकसित राष्ट्र के  सपने को साकार करने में सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्या बाई तथा कल्पना चावला  जैसी महिलाओं से प्ररेणा लेने की आवश्यकता है। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेवारी बनती है। एक सशक्त नारी न केवल अपने लिए अपितु अगली पीढी के लिए भी रास्ता बनाती है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली 101 महिलाओं को कार्यक्रम में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
नर नारी फाउंडेशन से पूनम नागपाल ने पुरस्कृत महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत किया और समाज में महिलाओं के द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला।  मंच का संचालन जीवन ज्योत कौर, रिंकी व साक्षी ने किया। इस अवसर पर जम्भ शक्ति ट्रस्ट से विकास गोदारा, विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल की निदेशिका श्रीमति संतोष कुमारी, डॉ. प्रतिभा गुप्ता, वंदना बिश्नोई सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, वैज्ञानिक, कर्मचारी, विद्यार्थी व महिलाएं उपस्थित रहीं।