अलीगढ, 15 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय ने पूरक परीक्षा 2021-22 में शामिल होने के लिए केवल महिला उम्मीदवारों के लिए हाई स्कूल परीक्षा फॉर्म वेबसाइट www.amucontrollerexams.com पर उपलब्ध करा दिये है।
कंट्रोलर कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, विधिवत भरा हुआ फॉर्म स्पीड पोस्ट के माध्यम से या सीधे परीक्षा अनुभाग, कोठी नंबर 3, प्रशासनिक ब्लॉक, नियंत्रक कार्यालय, एएमयू के निकट 25 अप्रैल, 2024 तक जमा किया जा सकता है।
परीक्षा कार्यक्रम उचित समय पर आधिकारिक वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा।
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जेएन मेडिकल कालिज में निःशुल्क पेसमेकर शिविर 24 अप्रैल को
अलीगढ, 15 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा 24 अप्रैल, 2024 को प्रातः 9 बजे से ओपीडी 14 में मरीजों की डिवाइस की कार्यप्रणाली की जांच करने और किसी संभावित समस्या का पता लगाने के लिए पेसमेकर जांच कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
विभागाध्यक्ष प्रो आसिफ हसन ने कहा कि कोई भी मरीज जिसे जेएन मेडिकल कालिज या किसी अन्य अस्पताल में पेसमेकर या इसी तरह का उपकरण (एआईसीडीध्सीआरटी-डी) लगाया गया है, वह पहले से पंजीकरण करा सकता है और उचित रिकॉर्ड और दस्तावेज के साथ उस दिन आ सकता है।
उन्होंने कहा कि पेसमेकर/उपकरणों को प्रोग्रामिंग मापदंडों के अनुसार रीसेट किया जाता है और बैटरी की कमी का पता चलने पर बैटरी बदलने का परामर्श दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल अलीगढ़ जिले के मरीजों को मुफ्त में सहायता प्रदान करेगा बल्कि उपकरणों के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगा। प्रो. आसिफ हसन ने कहा है कि पेसमेकर कार्यक्रमों का अकादमिक महत्व है और यह डीएम छात्रों को उपकरण के कामकाज के साथ प्रशिक्षित होने और रोगी को अच्छी तरह से प्रबंधित करने में मदद करता है।
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डा. मोहम्मद नजरूल बारी द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुत
अलीगढ, 15 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद नजरूल बारी ने एक रिसोर्स पर्सन के रूप में सोसायटी ऑफ साउथ एशियन आर्कियोलॉजी (एसओएसएसए) के 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘भारत की पूर्व आधुनिक कला और मूर्तिकला में हिरण का प्रतिनिधित्व‘ विषय पर पेपर प्रस्तुत किया। यह सम्मेलन हाल ही में बिहार संग्रहालय, पटना और कला, संस्कृति और युवा मामलों के मंत्रालय, बिहार सरकार के सहयोग से पटना में आयोजित किया गया।
डॉ. बारी ने ‘पुरातत्व में हालिया शोध’ नामक एक तकनीकी सत्र की सह-अध्यक्षता भी की।
डॉ. बारी ने प्राचीन भारतीय कला को आध्यात्मिक या दैवीय कला के रूप में वर्णित किया जहां कला और मूर्तिकला सहित धार्मिक और गैर-धार्मिक दोनों ग्रंथों में धार्मिक विषयों के साथ हिरण का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने कहा कि 1206 ईस्वी के बाद से, तुर्की मूल के शासकों और बाद में अफगानों के पास भी चित्रकला को संरक्षण देने के लिए ज्यादा समय नहीं था जैसा कि हमने मुगलों के मामले में विशेषकर अकबर से लेकर शाहजहाँ तक देखा है।
उन्होंने कहा कि मुगलों की राजधानियों से क्षेत्रीय राज्यों में चित्रकारों के प्रवास ने वास्तव में चित्रकला में धार्मिक और गैर-धार्मिक दृष्टिकोणों के मिश्रण के साथ 17 वीं शताब्दी से कांगडा, राजस्थानी और पहाड़ी चित्रकला के विकास में मदद की।
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कालिज के छात्रों ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया
अलीगढ, 15 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्राओं ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएनएमसीएच) के वार्ड में एक स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कल्याण के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस वर्ष की थीम ‘मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ थी, जो हर जगह, हर किसी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और सूचना तक पहुंच के साथ-साथ पीने के पानी, स्वच्छ हवा, अच्छे पोषण, अच्छे आवास, सभ्य कामकाज और पर्यावरण को बचाने के अधिकार पर जोर देती है।
नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रोफेसर फरहा आजमी के मार्गदर्शन में नर्सिंग द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, अच्छे पोषण, स्वच्छ हवा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पोस्टर और चार्ट की मदद से जेएनएमसीएच के वार्ड 10 में स्वास्थ्य शिक्षा का आयोजन किया।