Total Views: 198
वाराणसीः हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा 19 से 21 सितम्बर, 2024 को ‘प्रेमचन्द की विशिष्ट कृति ‘रंगभूमि’ के सौ साल’ विषयक त्रिदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी की संयोजक डॉ. किंगसन सिंह पटेल ने बताया कि इसमें देश के विभिन्न भागों के विद्वान् वक्ताओं के साथ ही कई देशों के वक्तागण अपने विचार व्यक्त करेंगे।

संयोजक: डॉ किंगसन सिंह पटेल

इनमें चीन से डॉ. विवेकमणि त्रिपाठी एवं डॉ. राजीव रंजन, नीदरलैंड से प्रो. पुष्पिता अवस्थी, आॕस्ट्रेलिया से श्रीमती रेखा राजवंशी, जापान से डॉ. वेद प्रकाश सिंह, भूटान से डॉ. आशीष कंधवे, नेपाल से प्रो. अजीत खनाल तथा डॉ. दामोदर ढकाल, दक्षिण कोरिया से डॉ. को जोंग किम कथा-सम्राट् प्रेमचन्द के उपन्यास ‘रंगभूमि’ पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

‘प्रेमचन्द का महत्त्व’, ‘औपनिवेशिक भारत और रंगभूमि’, ‘रंगभूमि में किसान, भूमि एवं अन्य समस्याएँ’ तथा ‘रंगभूमि के पात्र’ सहित चार प्रमुख सत्रों के अतिरिक्त उद्घाटन एवं समापन सत्रों के साथ यह त्रिदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न होगी। 19 सितम्बर को 02:00 बजे से प्रारंभ इसके उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ कथाकार श्री सुरेन्द्र वर्मा करेंगे और मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो. सत्यकाम होंगे। इसमें डॉ. लहरी राम मीणा एवं डॉ. मानसी रस्तोगी के निर्देशन में विभाग के कलाकारों द्वारा ‘रंगभूमि’ का मंचन भी किया जाएगा।

समापन सत्र की अध्यक्षता हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी करेंगे और मुख्य अतिथि महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी होंगे। इसी सत्र में दक्षिण कोरिया के प्रेमचन्द विशेषज्ञ डॉ. को जोंग किम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। संगोष्ठी के अन्य सत्रों में वरिष्ठ कथाकार श्री शिवमूर्ति, प्रो. हेमांशु सेन, प्रो. अनिल कुमार राय, प्रो. अलका पाण्डेय, डॉ. विनम्र सेन सिंह, प्रो. सन्तोष भदौरिया, श्री अजय बिसारिया, डॉ. हिमांशु शेखर सिंह आदि अपना वक्तव्य देंगे।

Leave A Comment