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इंदौरः कामरेड होमी एफ दाजी एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिसने हमेशा श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाई और जीवन भर श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे और गैर बराबर समाज के लिए लड़ते रहे। होमी दाजी केवल इंदौर के ही नहीं देश और दुनिया के मजदूर नेता थे और जिन्हें सुनने के लिए भीड़ जमा हो जाया करती थी।
ये विचार वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री मेधा पाटकर के है, जो उन्होंने पूर्व सांसद एवं जन नेता कामरेड होमी एफ दाजी स्मृति राष्ट्रीय संवाद
वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में हमारी भूमिका में कहे। अभिनव कला समाज में यह आयोजन समाजवादी विचार प्रसार केंद्र न्यास, स्टेट प्रेस क्लब, म. प्र., अभ्यास मंडल, श्रम संगठनो की संयुक्त अभियान समिति इंदौर, विचार मंच ने सयुंक्त रूप से किया था।
वक्ता के रूप में कांग्रेस के राष्टीय प्रवक्ता अभय दुबे सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री जया मेहता,भाकपा म. प्र के राज्य सचिव मंडल सदस्य सत्यम सागर भी थे। अध्यक्षता इंटक के अध्यक्ष श्याम सुंदर यादव, स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने की। फारूक दाजी भी मंच पर विशेष रूप से उपस्थित थे।
मेधा पाटकर ने आगे कहा कि देश में गैर बराबरी है। इस आर्थिक असमानता के चलते अमीर और अमीर और गरीब और गरीब होता जा रहा है। बाँध निर्माण के नाम पर आदिवासी समाज को विस्थापित किया जा रहा है। केंद्र सरकार को अपनी टैक्स नीति मे बदलाव लाना होगा ताकि देश की आर्थिक संपदा कुछ लोगों के हाथों में नहीं रहे।
पाटकर ने आगे कहा कि देश का श्रमिक वर्ग आज अपने अधिकार चाहते है। देश का किसान और मजदूर दोनों ही आज परेशान है। और इनकी लडाई ताउम्र का. होमी एफ दाजी ने लडी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्याम सुंदर यादव ने कहा कि आज संख्या में भले ही हम कम है, लेकिन हमें कोई भी कमजोर नहीं समझे। जब जब मजदूर और किसान के हितों की अनदेखी होगी श्रमिक वर्ग खामोश नहीं बैठेगा।
अभय दुबे ने कहा कि होमी दाजी ने हमेशा समाज में खड़े अंतिम व्यक्ति के लिए लडाई लडी। उन्होंने साम्राज्यवाद और पूंजीवाद का हमेशा खुलकर विरोध किया। दाजी ने हमेशा मेहनत कश मजदूरों और
किसानों की जय जयकार की। आज के समय में दाजी को याद करने का मतलब उन मूल्यों को याद करना जिसकी आज की सरकार ने हत्या कर दी है। जो काम दाजी ने किया उसी पथ पर आज कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी चल रहे है। भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा इसका प्रमाण है।
जया मेहता ने कहा कि होमी एफ दाजी का शुरूवाती जीवन बड़ा गरीबी में बीता। वे सच्चे अर्थो में मजदूरों के बड़े जोशीले नेता थे और सारे इंदौर मे उनका बड़ा मान सम्मान था। उनकी विचारधारा एकदम स्पस्ट थी। वे अपने विचारों पर हमेशा अडिग रहे । उनकी मजदूरों के प्रति जो जिम्मेदारी थी, उसे उन्होंने पूरी शिद्दत् से निभाया।
होमी दाजी का मानना था कि जब तक देश को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आजादी नहीं मिलती तब तक वह अधूरी है। वे कारपोरेट संस्थाओ के सख्त खिलाफ थे, जो प्राय सरकार को दबाते है।
सत्यम सागर ने कहा कि देश दाजी की राजनीति पर आज भी गर्व करता है जिनने 17 वर्ष की उम्र मे भारत की आजादी के आंदोलन में भाग लिया। दाजी की राजनीति ऐसी थी जिसे हराने के लिए उधोगपतियों को अपनी तिजोरी तक खोलना पड़ी।
प्रवीण कुमार खारीवाल ने कहा कि हमारा क्लब समसामयिक और लोगों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए सदेव तत्पर हैं। ऐसी संस्थाओ को हम प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराते है। फारूखी भाई ने भी दाजी के साथ के कई संस्ममरण सुनाएँ।
अतिथि स्वागत शिवाजी मोहिते, अरविंद पोरवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन किया
विवेक मेहता ने। आभार माना रुद्रपाल यादव ने। इस मौके पर गाँधीवादी अनिल त्रिवेदी, कैलाश लिंबोदिया,रामबाबू अग्रवाल, अतुल सेठ, डॉ, ओ पी जोशी, हरेराम वाज पेयी, राहुल निहोरे, दिनेश कोठारी, मिलिंद रावल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।