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लखनऊः किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में वर्ल्ड स्लीप डे मनाया गया। थीम—“वैश्विक स्वास्थ्य के लिए नींद की समानता”

नींद सम्बन्धित बीमारी की पहचान अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

इन बीमारी की वजह से बढ़ रहें हार्ट की बीमारी के मामले ।

शुगर, बी०पी, मोटापा हो रहा अनियन्त्रित। इसके लिए समाज में जागरूकता और शिक्षित करना समय की आवश्यकता – प्रो० (डा०) वेद प्रकाश

वर्ल्ड स्लीप डे हर वर्ष नींद को विभिन्न प्रकार की बीमारियो के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है । यह दिन World Sleep Society द्वारा सन् 2008 से मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में नींद सम्बन्धित विकारों को कम करना है ।

यह दिन हर वर्ष शुक्रवार को उस दिन मनाया जाता है जब दिन और रात समय लगभग बराबर होता है।

महत्वपूर्ण बिन्दुः–

पूरे विश्व में 10 प्रतिशत वयस्क अनिद्रा से ग्रसित है। यह विश्व में सबसे प्रमुख निद्रा विकार है ।

3–7 प्रतिशत वयस्क Obstructive Sleep Apnea (OSA) से ग्रसित है जो कि दूसरा मुख्य निद्रा विकार है । ज्यादातर वयस्कों में यह बीमारी पता नहीं चल पाती है जबकि यह हाई की बामारी एवं कुछ दिमाग सम्बन्धित बीमारियों की प्रमुख वजहों में से एक है।

OSA से पूरे विश्व में लगभग 93 करोड वयस्क ( 30.69 वर्ष) ग्रसित हैं जिसमें 42 करोड लोगों को Moderate to Severe ग्रेड की OSA बीमारी है ।

  • OSA विभिन्न बीमारियाँ जैसे हर्ट की बीमारी मेटाबोलिक बीमारी बी०पी० की बीमारी depression, लकवा जैसी अनेक गम्भीर बीमारियों का risk factor है ।
  • एक अनुमान के मुताबिक OSA से सालाना लगभग एक लाख करोड रूपये का व्यय होता है।
  • एक अनुमान के मुताबिक 80 प्रतिशत के मरीजों में इस बीमारी का पता देर से चलता है।
  • 2–3 प्रतिशत वयस्क Restless लेग Syndrome नामक बीमारी से ग्रसित है ।

    लगभग 4–56 प्रतिशत वयस्क निद्रा के अन्य विकार जैसे नींद में चलना, Sleep Terror इत्यादि से ग्रसित है ।

    • पूरे विश्व में लगभग 45 प्रतिशत व्यक्ति निद्रा की कमी से होने वाले असर को महसूस करते है जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करते है।

    लक्षण:-

    दिन में अधिकाधिक सोना ।

    नींद पडने में कठिनाई |

    रात में बार-बार जागना ।

    नींद पूरी ना होना ।

    खर्राटे आना।

    नींद के दौरान चोकिंग हो जाना ।

    सरदर्द ।

    थकान एवं चिडचिडापन ।

    याद्दाश्त में कमी।

    नींद में चलना बोलना और हाथ पैर चलना ।

    Restless Leg syndrome

    निद्रा विकार की Diagnosis:-

    • क्लीनिकल history
    • Sleep Diary
    • Physical Examination
    • Screening
    • Sleep स्टडी

    STOP BANG/ESS score.

    यह निद्रा विकारो को पता करने का सबसे सटीक टेस्ट है जिसमें दिमाग की हलचल, आँखों की गति शरीर की टोन, हृदय गति, सांस लेने का पैटर्न, हाथ पैर का मूवमेन्ट इतयादि देखकर निद्रा विकार का पता लगाया जाता है।

    जटिलतायें :-

    • हृदय की अनेक बीमारियाँ जैसे बी०पी०, हार्ट अटैक, हार्ट ब्लाक इत्यादि ।
    • मेटाबॉलिक डिसआर्डर :- जैसे शुगर और मोटापा ।
    • नसों की बीमारी :- जैसे याददाश्त में कमी लकवा इत्यादि ।
    • दिन में काम करने की अक्षमता ।
    • मानसिक रोग |
    • एवं चोट लगना ।

    निराकरण :-

    • नियमित व्यायाम
    • मोतापा कम करना
    • योग करना
    • CPAP जैसी डिवाइस का इस्तेमाल
    • Oral Devices डिवाइस
    • सर्जरी
    • आक्सीजन थिरेपी इत्यादि ।

    हमारे पी०सी०सी०एम० विभाग की भूमिका :-

    हमारे विभाग में इस उभरती और जल्दी ना पकड़ में आने वाली बीमारी के समुचित Diagnosis और इलाज के लिये सभी संसाधन उपलब्ध है। हमारे विभाग में State of Art 64 channel वाली Sleep अत्यन्त विकतित Sleep Lab है जहाँ पर Level – 1 Sleep Study की जाती है इसके लिये सम्बन्धित मरीज को एक रात आकर सोना होता है और इस बीमारी के सभी पहलुओं की जांच की जाती है और रिपार्ट आने पर इसका समुचित निराकरण किया जाता है ।

    इस महत्वपूर्ण विषय पर बात करने के लिये प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद (एरा यूनिवर्सिटी), प्रो0 वेद प्रकाश (विभागाध्यक्ष पी०सी०सी०एम०) प्रो० एस० के० द्विवेदी (विभागाध्यक्ष लारी कार्डियोलॉजी),प्रो0विवेक अग्रवाल ( विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग), प्रो० पी०के० शर्मा (न्यूरोलॉजी विभाग), सम्मिलित हुए और अपने-अपने विशेषता के ज्ञान से निद्रा विकारों में प्रकाश डाला। इनके अतिरिक्त डा० सचिन कुमार, डा० अतुल तिवारी, डा० मो0 आरिफ, डा० मृत्युंजय सिंह, डा0 अनुराग त्रिपाठी, डा० दीपक शर्मा, डा० शुभ्रा श्रीवास्तव तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें ।

    वर्ड स्लीप डे के उपलक्ष्य में पी०सी०सी०एम० विभाग दिनांक 21-22 मार्च को इस स्लीप समिट –2024 के नाम से जागरूकता एवं ज्ञान वर्धन का कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है जिसमें विशिष्ट सम्मानित चिकित्सक आकर अपना व्यक्तव्य देकर इंटीट्यूट जैसे एस०जी०पी०जी०आई०, के०जी०एम०यू० एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से अपना अनुभव एवं ज्ञान से सबको अभिभूत करेंगे।

    प्रो० (डा०) वेद प्रकाश

    विभागाध्यक्ष

    पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग

    किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उ० प्र०, लखनऊ।

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