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वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित विधि संकाय अपनी विधिक शिक्षा और समुदाय को विधिक सहायता सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ 1978 से ही विधिक परामर्श और सहायता केंद्र संचालित है। विधिक सहायता सेवा क्लिनिक उन व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सलाह / सेवाएं प्रदान करता है जो इसका खर्च वहन नहीं कर सकते। यह बीएचयू के लॉ स्कूल में संचालित होता है, जिसमें छात्रों को व्यावहारिक विधिक शिक्षा भी दी जाती है।

जन सामान्य के जरूरतों को देखते हुए विधि संकाय ने यह निर्णय लिया है कि अब यह विधिक सहायत केंद्र दोपहर 11बजे से शाम 6 बजे तक आम जन के लिए खुला रहेगा।
इस विधिक सलाह और सहायता केंद्र के संचालन के लिए विधि संकाय के आचार्यों की टीम भी बनाई गई है। संकाय के 30 छात्रों की भी एक डेडीकेटेड कमेटी भी इस निमित्त बनाई गई है। संकाय ने आम जन के उपयोगी सलाह के लिए वाराणसी के स्थानीय न्यायालय तथा इलाहाबाद हाई कोर्ट के युवा जागरूक अधिवक्ताओं को अपना पैनल लायर भी बनाया है।

कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्य में सहयोग के लिए विधिक सहायता केंद्र के कार्यकारी निदेशक प्रो विनोद शंकर मिश्रा को सहयोग देने के लिए डा अभय पांडेय केंद्र के साथ जोड़ दिया है।

विधिक सहायता सेवा क्लिनिक विभिन्न कानूनी मामलों में सहायता प्रदान करता है और इसका उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए न्याय तक पहुंच की कमी को खत्म करना है। यहाँ की विधिक सेवाओं में कानूनी सलाह, दस्तावेज़ प्रारूपण, अदालत में प्रतिनिधित्व और सामुदायिक शिक्षा शामिल हैं। यह न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने और जरूरतमंद लोगों को सशक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

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