लखनऊः रेडियोडायग्नोसिस विभाग किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और आईएसआरटी ने 17-18 फरवरी 2024 को शताब्दी अस्पताल फेज-2 केजीएमयू लखनऊ में एमआरआई और सीटी में नई सीमाओं की खोज कार्यशाला और संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के साथ साथ एम्स और अन्य प्रमुख भारतीय संस्थानों सहित दुनिया भर के प्रसिद्ध वक्ताओं के साथ एमआरआई और सीटी प्रौद्योगिकियों में नवीनतम अन्वेषण पर चर्चा हुई। केजीएमयू के रेडियोडायग्नोसिस के आयोजन सचिव प्रो० दुर्गेश द्विवेदी के अनुसार यह संगोष्ठी सह कार्यशाला प्रौद्योगिकीविदों चिकित्सको अध्येताओं और शोधकर्ताओं के लिए आयोजित की गई थी। संगोष्ठी में इमेज क्वालिटी में सुधार और लो डोज सीटी पर केंद्रित व्यवहारिक सत्र शामिल थे। एमआरआई तकनीक जैसे कार्डियक एमआर विधियां, पैरेल्लेल इमेजिंग विधियों पर अधिक जोर दिया गया । हार्वर्ड मेडिकल स्कूल यूएसए के प्रोफेसर योगेश राठी ने विभिन्न न्यूरोलॉजिकल विकारों में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एवं एडवांस्ड डिफ्यूजन इमेजिंग विधियों की प्रासंगिकता के बारे में बात की। चर्चित विषयों में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी यूएसए के प्रोफेसर एम० महेश द्वारा गर्भवती और बाल रोगियों में लो डोज सी०टी० और एम्स के प्रोफेसर प्रतीक कुमार द्वारा मल्टी डिटेक्टर सीटी तकनीक शामिल थे। इस कार्यक्रम ने रेडियोलॉजी में अग्रणी विशेषज्ञों से सीखने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि डॉ० अखिलेश गुप्ता एसईआरबी सचिव, भारत सरकार ने अनुसंधान के महत्व और विश्वविद्यालय अनुसंधान का समर्थन करने वाली सरकारी पहल पर चर्चा की। माननीय कुलपति प्रो० सोनिया नित्यानंद ने सम्मेलन की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर प्रकाश डाला और आयोजन समिति को बधाई दी। केजीएमयू के रेडियोडायग्नोसिस विभागाध्यक्ष, प्रो० अनित परिहार ने स्टेडी स्टेट एमआरआई पल्स सीकेस पर विस्तार से बताया, जिसका लक्ष्य 200 से अधिक प्रौद्योगिकीविदों को नई सीटी और एमआरआई विधियों पर शिक्षित करना था। उन्होंने पूरी आयोजन समिति को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी। इंडियन सोसाइटी ऑफ रेडियोग्राफर्स एंड टेक्नोलॉजिस्ट के अध्यक्ष श्री मोहन भागवत ने भी कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान संकाय सदस्यों और छात्रों को उनकी सफलता और शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए बधाई दी।