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वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में रेशम कीट पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और रूरल डेवलपमेंट एवं जन्तु विज्ञान के छात्रों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें कुल 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली 50 महिलाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को रेशम और रेशम के कीट पालन की तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर किया गया।

कार्यक्रम के दौरान समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र की सिलाई प्रशिक्षिका आरती विश्वकर्मा ने छात्राओं द्वारा तैयार किए गए रुमाल मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को भेंट किए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि केंद्रीय रेशम कीट संस्थान रांची के वैज्ञानिक एवं जॉइंट डायरेक्टर जे. पी. पाण्डेय थे।

कार्यशाला में जन्तु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ए. के. सिंह, प्रोफेसर म. सिंगारावेल, और डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने व्याख्यान दिए। इसके अतिरिक्त, प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह, डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह, और प्रशिक्षिका आरती विश्वकर्मा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम का शुभारंभ मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ किया गया। भूपेंद्र प्रताप सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला की रूपरेखा और वक्ताओं के बारे में जानकारी समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र के समन्वयक डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने दी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने किया।

इस कार्यक्रम का आयोजन जन्तु विज्ञान विभाग, विज्ञान संकाय और समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से किया गया।

डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय
समन्वयक
समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र
काशी हिंदू विश्वविद्यालय
9389623510

 

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