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वाराणसीः साइबर अपराध के अनुसंधान विषय पर एक दिवसीय अतिथि व्याख्यान का आयोजन राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में छात्र नेतृत्व और जीवन कौशल विकास समिति की पहल के तहत किया गया। इसकी अध्यक्षता प्रो. आशीष सिंह, अध्यक्ष, छात्र नेतृत्व और जीवन कौशल विकास समिति, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर ने की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ पं. मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर तथा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री दीपक कुमार, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रहे। साइबर अपराध अनुसंधान व्याख्यान में विभिन्न पाठ्यक्रक्र के 391 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस मौके पर साइबर अपराध की प्रकृति, इससे बचाव, लोगों की मदद, साइबर फ्राडिज्म सहित साइबर अपराध के अन्य बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि छात्रों को साइबर अपराध के अनुसंधान में किन-किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार जी ने बताया कि आज जिस रफ्तार से तकनीक बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से अपराधी भी अपने आप को अपडेट कर रहे हैं। ऐसे में सभी लोगों को रोज नई तकनीक से अपडेट होना जरूरी है। साथ ही आंतकवादी इतना एक्टिव हो गए हैं कि मोबाइल में बिना सिम, वाई-फाई, हॉटस्पॉट के रेडियो सिग्नल से मैसेज करने के साथ ही जीपीएस का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने दक्षिणी परिसर के छात्रों को साइबर क्राइम एवं रिव्यू ऑफ द एविडेंस कार्यशाला में साइबर अपराध से निपटने के तरीकों को बताया। उन्होंने कहा कि जो हम रोज के दिनचर्या में देखते हैं, उसी में एविडेंस खोजते हैं, लेकिन अपराधी कई टूल, ड्राफ्ट, ईमेल का प्रयोग करते हैं।

यहां तक की मोबाइल में कैलकुलेटर को मैसेंजर के जैसा प्रयोग करते हैं, उन्होंने बताया कि डिजिटल डिवाइस से हिडन एविडेंस और डिलीटेड उत्तर से एविडेंस कैसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है। साइबर एक्सपर्ट दीपक जी ने बताया कि साइबर अपराध करने वाले सोशल साइट को हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं। ऐसे में कैसे फर्जी सोशल अकाउंट को बंद करें और वह किस मोबाइल नंबर से बनाया गया है और कौन से इंटरनेट से चलाया जा रहा है, उसका एविडेंस कैसे प्राप्त करें इसको लेकर विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आज कई कंपनियों का फ्रेंचाइजी देने के नाम पर डोमेन डिस्प्यूट करके फर्जी वेबसाइट बनाया जाता है। फर्जी वेबसाइट से अपराधी तक पहुंचे मोबाइल नंबर से कैसे पता लगे कि वह कौन सा ऐप पर कार्य कर रहा है और उसकी एक्टिविटी क्या है। बैंकिंग फ्रॉड होने पर त्वरित कैसे कार्यवाही करें और सरकारी ईमेल से ही सीआरपीसी 91 का प्रयोग कैसे करें पूरे विश्व में 6 मिलियन में 8 मिलियन इंटरनेट यूजर है और औसत 10 से 15 जीबी इंटरनेट हर यूजर खर्च करता है। उन्होंने कंप्यूटर और मोबाइल फॉरेंसिक दोनों के कार्य करने का तरीके को भी समझाया तथा छात्र-छात्राओं को विषय से अवगत कराया।

समिति सदस्य एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मनोज कुमार मिश्रा जी ने कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिया। संयोजन डॉ. कौस्तुभ चर्टजी द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से समिति के सदस्य डॉ.  रविन्द्र प्रसाद, डॉ. महिपाल चौबे, आरक्षाधिकरी डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. अनिल पाण्डेय, डॉ. विजय कृष्ण, डॉ. रजनी श्रीवास्तव, डॉ. प्रिंयका, डॉ. आर.आर. मिश्रा, डॉ. प्रज्ञा मिश्रा, डॉ. प्रिया सिंह सहित विभिन्न पाठ्यक्रम के शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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