वाराणसीः पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान, राजीव गांधी साउथ कैंपस (आरजीएससी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश में आज 10 दिवसीय राष्ट्रीय लघु पाठ्यक्रम प्रशिक्षण जिसका शीर्षक ” पशुधन में बीमारियों की जांच के लिए नैदानिक तकनीकों का अभ्यास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम” शुरू हुआ। विभिन्न विषयों एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित पशु चिकित्सक एवं प्रयोगशाला नैदानिक पेशेवरों सहित कुल 30 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण के लिए नामांकन किया है।
उद्घाटन सत्र दिनांक 5th नवंबर 2024 पूर्वाह्न में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) अमित राज गुप्ता, प्रभारी, पशु चिकित्सा क्लिनिक परिसर और प्रभारी, पशु पोषण विभाग की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया। समारोह के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) सिद्धार्थ शंकर दास (पशु चिकित्सा परजीवी विज्ञान विभाग) और डॉ. संतोष मरांडी (प्रभारी, पशुधन फार्म परिसर और प्रभारी, पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग) थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ मंच पर उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुआ। । बी.वी.एससी और ए.एच. डिग्री कार्यक्रम के छात्रों ने बी.एच.यू. कुलगीत की भावभीनी प्रस्तुति दी, जिसके बाद मंच पर गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया। पाठ्यक्रम निदेशक, डॉ. जुबेदा बेगम (विभागाध्यक्ष, पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी विभाग) ने दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कृषि पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के उद्देश्य से कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-अध्यक्ष डॉ. संजय कु. रवि (विभागाध्यक्ष, पशु चिकित्सा स्त्री रोग एवं प्रसूति रोग विभाग) ने पशुधन पालन में भारी आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए समय पर रोग निदान के महत्व को व्यक्त किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) एस.एस. दास ने प्रतिभागियों से पूरे मन से भाग लेने और तकनीक सीखने का आग्रह किया। डॉ. संतोष मरांडी ने पशुधन फार्म को लाभदायक बनाने में रोग निदान के महत्व पर जोर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) अमित राज गुप्ता ने बीमारियों के इलाज के लिए सटीक निदान के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने मानव, पशु और पर्यावरण की परस्पर क्रिया सहित एक स्वास्थ्य एक दुनिया के बारे में प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के लिए प्रकाशित एक प्रशिक्षण मैनुअल को मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और पाठ्यक्रम समन्वयकों द्वारा जारी किया गया। सभी महानुभावों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
डॉ. उत्कर्ष कुमार त्रिपाठी (सह-समन्वयक) ने डॉ. अर्चना महापात्रा, डॉ. बालामुरुगन और डॉ. अनुपम ब्रह्मा (पाठ्यक्रम-समन्वयक) के साथ उद्घाटन समारोह का समन्वय किया। उद्घाटन सत्र में पशु चिकित्सा संकाय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। सभी प्रतिभागियों ने अपना संक्षिप्त परिचय दिया और डॉ. अनुपम ब्रह्मा द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ उद्घाटन समारोह समाप्त हुआ। उद्घाटन समारोह में डॉ. धनंजय कुमार, डॉ. सौती प्रसाद, डॉ. सरोज कुमार, डॉ. दयानिधि जेना, डॉ. प्रिया रंजन कुमार, डॉ. कौशिक सत्य प्रकाश, डॉ. साजिदा बानो, डॉ. दीपानविता भट्टाचार्य उपस्थित थे।