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वाराणसीः प्रोफेसर अनुप सिंह को 21 जून 2024 से फिर से जराचिकित्सा चिकित्सा आईएमएस बीएचयू के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। 2018-21 से जराचिकित्सा चिकित्सा विभाग आईएमएस बीएचयू के संस्थापक प्रमुख के रूप में उनके पहले कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में विभाग की प्रगति देखी गई। अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने:
1. जरा चिकित्सा विभाग की स्थापना एवं MD जराचिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू किया (यूपी में पहला)
२. जिरियाट्रिक रुमेटोलॉजी में फेलोशिप शुरू की (भारत में पहली बार)
३. बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) के नोडल अधिकारी के रूप में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए
४. फरवरी 2021 में उनके कार्यकाल के दौरान नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (एनसीए) के प्रस्ताव को स्वस्थ मंत्रालय को भेजा गया।
6. मरीज़ो की देखभाल के लिए वार्ड में जराचिकित्सा देखभाल सुविधाएं शुरू की गईं, जिनमें सभी रोगियों के लिए फाउलर बेड, मॉनिटर, केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली, डिफाइब्रिलेटर, एक्स-रे, गैर इनवेसिव वेंटिलेशन उपकरण, अलग पंजीकरण / संग्रह काउंटर आदि बनाये गए

स्वस्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्यर्गत नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थकेयर ऑफ़ द एल्डर्ली (NPHCE) के नोडल अधिकारी के रूप में उन्होंने राष्ट्रीय कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम किया है और जराचिकित्सा चिकित्सा विभाग के अन्तर्गत क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्र को 200 बिस्तरों वाले राष्ट्रीय केंद्र में अपग्रेड करने के प्रस्ताव को स्वस्थ मंत्रालय से मंज़ूर करवाया जिसका शिलान्यास फ़रवरी में माननीय प्रधान मंत्री जी ने किया था , जिसका निर्माण कार्य चल रहा है ।

उन्होंने विभाग की प्रगति और आईएमएस को वाराणसी और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए वृद्धावस्था अनुकूल सुविधाओं से समृद्ध करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए बीएचयू प्रशासन को धन्यवाद दिया।

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