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वाराणसीः कला संकाय के छात्र कल्याण ने कल्कि फाउंडेशन के साथ मिलकर 7 सितंबर को कला संकाय सभागार में “आरोग्य-मानसिक बाधाओं को तोड़ना” कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है, समर्थन दिया जाता है।

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आज कला सभागार में कार्यक्रम का उद्घाटन कला संकाय के डीन प्रो. माया शंकर पांडे और आईएमएस, बीएचयू के मनोचिकित्सा विभाग के प्रो. एके पांडे ने किया। प्रो पांडे ने छात्रों से बातचीत की और तनाव और अवसाद पर काबू पाने से संबंधित कई सवाल का ज़बाब दिया । कार्यक्रम में तालस्य डांस क्लब द्वारा एक सुंदर और उम्मीद देने वाला नृत्य देखा गया।  मौसीकी म्यूजिकल क्लब के छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर आधारित नृत्य प्रस्तुति दी। निर्वाण योग क्लब के कार्यक्रम ने संगीत के साथ योग के कई करतबों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अंग्रेजी विभाग के पीएचडी स्कॉलर रवि राय द्वारा निर्देशित नाटक “एक नदी प्यासी थी” का मंचन हुआ जिसका 300 से अधिक छात्र-छात्राएं बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस नाटक में दिखाया गया कि कैसे एक परिवार में अगर कोई एक सदस्य उदास हो और अपनी समस्या किसी से साझा न कर पाए तो वह आत्महत्या कर लेता है।इस नाटक में दिखाया गया कि किस तरह एक परिवार में अगर एक सदस्य उदास हो और अपनी समस्या किसी से साझा न कर पाए तो वह आत्महत्या की ओर अग्रसर हो जाता है।
कार्यक्रम में रंगशाला ग्रुप द्वारा प्रस्तुत हृदयस्पर्शी नाटक ने नई ऊंचाइयों को छुआ। कलाकारों में ओमप्रकाश, शगुन, समीर, नीतीश, मुस्कान आदि शामिल थे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. प्रवीण राणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सांभवी और उज्ज्वल झा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. बिनायक, डॉ. निशांत, डॉ. शैलेंद्र, डॉ. विराग, डॉ. अमित, डॉ. राहुल, डॉ. दिव्या, डॉ. प्रभात जैसे कई संकाय सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन डॉ. राणा और अन्य शिक्षकों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ हुआ।

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