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लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की प्रतिष्ठित संस्था विधिक सहायता केंद्र व जिला विधिक प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर दिनांक 07/03/2024 को लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में पैनल चर्चा का अयोजन हुआ, जिसका विषय “महिलाओं को सशक्त बनाना, मानवता को सशक्त बनाना था। सेमिनार का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय, नवीन परिसर, विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो.(डॉ.) बी.डी. सिहं व विधिक सहायता केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन द्वारा शुरू किया गया। इस कार्यक्रम को असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ सोनाली रॉय चौधरी के द्वारा संयोजित किया गया।

इस पैनल चर्चा की मुख्य अतिथि डॉ. अभिषेक कुमार तिवारी (अतिरिक्त अधिष्ठाता, छात्र कल्याण संघ), डॉ आर. के. सिंह ( निर्देशक, लखनऊ विश्वविद्यालय नवीन परिसर) व माननीय सुश्री अल्पना शुक्ला (विधि अधिकारी, उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग), सुश्री तरु सक्सेना (प्रबंध निदेशक, सेंट अंजनी पब्लिक स्कूल), सुश्री रेनू मिश्रा (कार्यकारी निदेशक, एसोसिएशन ऑफ एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स) के पैनलिस्ट द्वारा चर्चा का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण करते हुए किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम शिवांगी सिंह व ईरा उपाध्याय ने उपस्थित पैनलिस्ट एवं छात्र छात्राओं को विधिक सहायता केंद्र के बारे में जानकारी प्रदान की तथा अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर्व का संक्षिप्त विवरण प्रस्ततु किया और इस वर्ष के विषय को परिभाषित किया।

पैनल चर्चा के दौरान सर्वप्रथम सुश्री रेनू मिश्रा ने महिलाओं के मतदान का अधिकार, महिलाओं के संपत्ति का अधिकार, बलात्कार, घरेलू हिंसा आदि विषयों पर चर्चा की, आगे बढ़ते हुए उन्होंने पूछा कि दर्शकों में ऐसे कौनसे पुरुष हैं जो प्रगतिसील हैं, इसके उत्तर में पुरुषों में से लगभग 35 से 40 पुरुषों ने हाथ उठाकर कहा कि वे प्रगतिशील हैं, और जब यही प्रश्न महिलाओं से किया गया तब उनमें से लगभग 50 से 55 महिलाओं ने बताया कि वह प्रगतिशील हैं, इस प्रश्न के पीछे यह कारण था कि वह समाज में कितना आगे बढ़ रहे हैं। आगे बढ़ते हुए इन्होंने यह बताया कि सर्वप्रथम राजा राममोहन राय जी एक ऐसे पुरुष थे जिन्होंने महिलावादी विचार के विषय को समाज में बढ़ाया, अर्थात् आज के पुरुष भी महिलाओं के प्रति जागरूक हो सकते हैं एवं महिलाओं के हित के विषय में सोचकर उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं।

पैनल चर्चा को आगे बढ़ते हुए सोनाली रॉय चौधरी ने यह प्रश्न किया कि विधिक क्षेत्र में महिलाओं की क्या भूमिका है, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए अल्पना शुक्ला ने बताया कि बार काउंसिल में महिलाओं के लिए उचित पर्यावरण नहीं है, हमारा समाज यह सोचता है कि किस प्रकार महिलाएं विधिक प्रबंधन को सफल बनाएंगी, इस विचारधारा पर अपना मत देते हुए अल्पना शुक्ला ने यह बताया कि महिलाएं विधिक प्रबंधन को सफलतापूर्ण कर सकती हैं, बार काउंसिल में ऐसी सुविधा ही नहीं उपलब्ध हो पाती हैं, कि महिलाएं अपने बच्चों व परिवारजनों के साथ रह सके, फिर भी आज के समाज में देखा जा रहा है, कि अधिक से अधिक महिलाएं विधिक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

इसके पश्चात सुश्री रेनू मिश्रा ने बताया कि आज की विचारधारा से सोच और परंपराओं का निर्माण होता है, और हमें इन परंपराओं को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना होगा, जिससे एक ऐसे समाज का निर्माण हो जहां महिलाएं एवं पुरुष दोनों ही समान हों।

पैनल चर्चा के अंत में सभी अतिथियों को सम्मानित करते हुए उन्हें भेंट व पौधे भेंट स्वरूप दिए गए एवं तरु सक्सेना जी ने अपनी सफलता का श्रेय देते हुए डॉ. बी. डी. सिंह एवं डॉ आलोक कुमार यादव को भेंट दिया। पैनल चर्चा के अंत में विधिक सहायता केंद्र की छात्र संचालक रोशनी ठाकुर ने सभी अतिथियों व सभी दर्शकों का धन्यवाद करते हुए पैनल चर्चा को समाप्त किया।

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