अलीगढ़, 13 जनवरीः प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड की लघु कहानियों का प्रशंसित संग्रह, अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा, का उर्दू अनुवाद दून का सब्जा शीर्षक से किया गया है। यह अनुवाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के प्रोफेसर जियाउर रहमान सिद्दीकी द्वारा किया गया है। उर्दू संस्करण का विमोचन आज अंग्रेजी विभाग वरिष्ठ शिक्षक एवं जनसंपर्क कार्यालय के मेम्बर इंचार्ज प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी ने हिंदी विभाग, एएमयू के अजय बिसारिया के साथ जनसंपर्क कार्यालय में किया।
विमोचन के दौरान, प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी ने भाषाओं, संस्कृतियों और दर्शन के बीच एक पुल के रूप में अनुवाद के महत्व पर जोर दिया, और इसे ‘पाठ्य रहस्योद्घाटन की रचनात्मक प्रक्रिया’ के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि अनुवाद नए विचार और दृष्टिकोण पेश करते हैं, पाठकों की समझ को समृद्ध करते हैं और गहरी समझ के द्वार खोलते हैं।
रस्किन बॉन्ड की साहित्यिक प्रतिभा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ये अर्ध-आत्मकथात्मक कहानियां छात्रों और शिक्षकों के लिए उर्दू अनुवाद का पता लगाने और उसकी सराहना करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन हैं।
अजय बिसारिया ने रस्किन बॉन्ड की कहानियों अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा के लिए लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार से मिली मान्यता का उल्लेख किया। उन्होंने बच्चों के साहित्य और कहानी कहने में बॉन्ड के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।
प्रोफेसर सिद्दीकी और बिसारिया दोनों ने प्रोफेसर जियाउर रहमान सिद्दीकी को इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी, जो बॉन्ड के साहित्यिक कार्यों की सार्वभौमिक अपील को रेखांकित करता है और सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।