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वाराणसीः स्वतंत्र फ़िल्ममेकर अभिषेक ब्रह्मचारी द्वारा लिखित विज्ञान फंतासी उपन्यास प्रोफ़ेसर वायुमंडल का विमोचन प्रो. दीनानाथ सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजनीति शास्त्र डी.ए.वी. पी.जी. कालेज के द्वारा हुआ। उन्होंने ब्रह्मचारी की प्रशन्सा करते हुए कहा कि,”लेखक जब सोचता है तो संवेदना होती है, तरंग उठता है, और तब रचना होती है और रचना एक बड़ा मनोभाव है। प्रोफ़ेसर वायुमंडल में वही मनोभाव प्रकृति के प्रति चिंता के रूप में व्यक्त होता है।” कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो. सुनील कुमार सिंह, शिक्षा संकाय, बी.एच.यू. रहे। उन्होंने कहा कि, “लेखक कई सारी विशिष्टताओं से स्वयं भरा हुआ होता है और उसका असर प्रोफ़ेसर वायुमंडल में भी दिखता है।

एक अच्छे प्रयास के लिए लेखक को, और पुस्तक की बेहतर गुणवत्ता के लिए प्रकाशक को, साधुवाद।” विमोचन के समापन में कार्यक्रम के अध्यक्ष आईयूसीटीई, बी.एच.यू. के निदेशक प्रो. प्रेम नारायण सिंह ने मंच पर उपस्थित अतिथियों को रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र से सम्मान्नित किया और कहा कि, “प्रोफ़ेसर वायुमंडल एक अलग किस्म की रचना प्रतीत होती है।” प्रोफ़ेसर वायुमंडल ब्रह्मचारी के बड़े चाचा दिवंगत श्यामबाबू पटेल, पूर्व वित्त अधिकारी, बी.एच.यू., को समर्पित है, जो स्वयं एक प्रकृतिवादी व्यक्तित्व थे और अपने जीवनकाल में पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करते रहे।

कार्यक्रम का आयोजन अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र, बी.एच.यू. के सभागार में संपन्न हुआ। अतिथिगण में एल.बी. पटेल, पूर्व सम्पदा अधिकारी, बी.एच.यू., प्रो. रजनीश कुमार पटेल, विधि संकाय, बी.एच.यू., संजय कुमार, संयुक्त कुलसचिव, बी.एच.यू., डॉ. पंकज सिंह, शिक्षा संकाय, बी.एच.यू., उषा पटेल, आभा श्याम, पूर्णिमा रजनीश, मीरा पटेल, गायक एवं अभिनेता युगल किशोर सिंह, बनारस फ़िल्म फेस्टिवल के संस्थापक रणवीर सिंह, खुला आसमान संस्था की संस्थापिका रोली सिंह रघुवंशी, होप कंसल्टेंट के संस्थापक दीपेंद्र चौबे, आर.पी. सिंह, पूर्व डिप्टी एस.पी., गुप्तचर विभाग, डॉक्टर सुमन यादव, थियेटर एवं फ़िल्म अभिनेता नवीन चंद्रा, राज वर्धन सिंह सहित राधेश्याम सिंह, परशुराम सिंह, रविंद्र सिंह, वीरेंद्र बरनवाल, कपिल कुमार, गौरव सिंह, विशाल सिंह, अभिनव पटेल, राजीव पाण्डेय, अविरल श्याम, करण राणा  आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का मंच संचालन थियेटर एवं फ़िल्म अभिनेता-लेखक उमेश भाटिया ने किया और उसे अपने कैमरे में क़ैद किया राहुल यादव ने। अस्तित्व प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित प्रोफ़ेसर वायुमंडल की कहानी पृथ्वी ४७ नामक काल्पनिक ग्रह में घटे तीसरे विश्वयुद्ध के बाद के जीवन को दर्शाती है, और पर्यावरण के महत्व और प्रदूषण के प्रकोप पर प्रकाश डालते हुए कथानक के मुख्य चरित्रों के आपसी संघर्ष के माध्यम से हमें भविष्य में घटने वाली संभावित घटनाओं के प्रति सचेत भी करती है। प्रोफ़ेसर वायुमंडल अमेज़न, फ्लिपकार्ट, बीएसपीकार्ट, अस्तित्व प्रकाशन स्टोर, किंडल, गूगल प्ले आदि समेत अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।

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