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संपादकीय टिप्पणीः BHU प्रशासन दे रहा है ध्यान पर डॉक्टर ओमशंकर का हितैषी कोई नहीं। नाम के भूखे-कैमरे की क्लिक के भूखे खलिहर-परजीवी, अनपढ़-मूर्ख और संवेदनहीन आंदोलनपंथी इस भले डॉक्टर को मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है।
कौन नहीं चाहता कि हालात बदलें-सुधरें लेकिन दुनिया बदलने का अपना विज्ञान होता है। जो श्रम ही नहीं करता, वह संवेदनशील कैसे हो सकता है। नाम लेना ठीक नहीं लेकिन भाँति-भाँति के लखैरे जनता जनार्दन के शुभचिंतक बने हुए हैं, जिनमें इतनी भी शारीरिक-मानसिक योग्यता नहीं कि मेहनत करके अपना पेट पाल सकें।
जिस लाल झंडे द्वारा समर्थन दिए जाने की बात नीचे की जा रही है, वे मेहनतकश और भले लोग हैं, लेकिन उन्हें विज्ञान की जानकारी तो नहीं क्योंकि नेतृत्व उन्हें मार्क्सवाद से अपरिचित बनाए रखना चाहता है।

प्रेस विज्ञप्ति

बी.एच.यू अस्पताल में समस्त मरीजों को प्राथमिकता के अनुसार बेड उपलब्ध कराने, अस्पताल एवं बेड प्रबंधन की कार्य क्षमता बढ़ाने, NMC के मानकों के अनुसार अस्पताल में उपलब्ध समस्त बेडो का वर्गीकरण करने, डॉक्टर नर्स एवं अन्य कर्मचारी के अनुपात दृष्टिगत रखते हुए और भारत के अन्य उत्कृष्ठ मेडिकल संस्थानों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के अनुसार बी.एच.यू अस्पताल के बेड प्रबंधन एवं अन्य सुविधाओं की बढ़ोतरी करने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा AIIMS New Delhi के भूतपूर्व निदेशक की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है। कमिटी से अनुरोध किया गया है कि 15 दिनों के अन्दर अपनी संस्तुति प्रदान करे।
विश्वविद्यालय प्रशासन का विश्वास एवं प्रयास है कि IMS में मेडिकल रिसर्च, शैक्षणिक कार्य एवं मरीजों कि देखभाल के लिए अधिकतम सुविधाये नियम अनुसार प्रदान की जाएँ। यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि बीएचयू का चिकित्सा विज्ञान संस्थान भारत के सर्वश्रेष्ठ पाँच मेडिकल संस्थानों में शामिल है और इस प्रकार के प्रयासों से संस्थान को भारत के श्रेष्ठ तीन संस्थानों में लाने के प्रयासों को गति मिलेगी और मरीजों को विश्व स्तरीय सुविधायें भी प्रदान की जा सकेगी।

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पूर्वांचल की गरीब जनता को बीमार पड़ने पर बीएचयू में आसानी से बेड उपलब्ध हो सके ; सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें और बीएचयू अस्पताल भ्रष्टाचार मुक्त हो
स्वास्थ्य को देश में मौलिक अधिकार का दर्जा मिले
इन्ही मांगों कोलेकर डा. ओमशंकर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
आज उनके अनशन का 15 वां दिन है; तमाम लोग मिलने आ रहे हैं, कई संगठन और पार्टी के प्रतिनिधि भी समर्थन में आए हैं, किन्नर समाज के प्रतिनिधि भी साथ में आए लेकिन अफसोस की जिला प्रशासन और बीएचयू प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आया, क्या इनकी कोई रीढ़ नहीं है
पता चल गया है की प्रशासन को न आमजन के स्वाथ्य की फिक्र है और न ही अनशन पर बैठे डा. ओमशंकर की ही चिंता है इसलिए कानों में तेल डाल लिया है और आंखों पर पट्टी लगा ली है
लेकिन समाजिक सरोकार रखने वालों ने तो सोच लिया है की वह स्वास्थ्य सुविधाओं में भ्रष्टाचार नहीं सहेंगे
हर नागरिक को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लड़ेंगे .स्वास्थ्य का निजीकरण नहीं सहेंगे..
15 वें दिन भी डा. ओमशंकर के हौंसले बुलंद है, उनका रक्तचाप नॉर्मल है और अपनी बात भी वह खड़े होकर बेबाकी से कर रहे हैं.. उनकी ताकत एक ईमानदार व्यक्ति की ताकत है हमें इस ताकत को जनता तक ले जाना है
इसलिए हम इस ताकत के साथ है
आप नहीं मिले है तो जरूर जाइए डा. ओमशंकर से मिलने कमरा नंबर 19 में ( कार्डियोलॉजी विभाग में)
मुझे उम्मीद है की उस कमरे से बाहर निकलकर
एक नई ताकत से रूबरू होंगे .. समाज से जुड़ेंगे .. आम भारतीय के दर्द को अपना समझेंगे
……….
यह फोटो आज की
उनके समर्थन में लाल झंडा आया था नाम भाकपा माले
छात्र संगठन आइसा
महिला संगठन ऐपवा

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