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अलीगढ़, 12 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएनएमसीएच में टीबी और श्वसन रोग विभाग के अध्यक्ष और प्रोजेक्ट डेंगीऑल के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने कहा कि यह भारत में डेंगू वैक्सीन का पहले चरण का तृतय क्लीनिकल ट्रायल है। यह अध्ययन गत 17 सितंबर को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्ययन शुरू किया गया है।

टीकाकरण वाले प्रतिभागियों का दो साल का फालोअप प्रस्तावित किया गया है। परीक्षण को मुख्य रूप से आईसीएमआर और आंशिक रूप से पैनेशिया बायोटेक द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसमें किसी भी बाहरी एजेंसी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है। यह परीक्षण सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक के लिए स्वदेशी वैक्सीन प्राप्त करने के भारत के प्रयास का एक अनूठा उदाहरण है और हमारे आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है।

प्रोफेसर शमीम ने बताया है कि यह परियोजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान प्राथमिकता परियोजना के तहत है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में डेंगू के खिलाफ फिलहाल कोई एंटीवायरल या लाइसेंस प्राप्त टीका उपलब्ध नहीं है। एक प्रभावी टीका विकसित करने की जटिलता को व्यक्तिगत रूप से सभी चार सीरोटाइप के लिए अच्छी प्रभावकारिता की आवश्यकता से चुनौती दी जाती है। सभी चार सीरोटाइप भारत के कई हिस्सों में प्रसारित/सह-परिचालित पाए जाते हैं।
एक टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (टीवी003/टीवी005) एनआईएच, यूएसए द्वारा विकसित किया गया था और दुनिया भर में प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया था। सभी चार सीरोटाइप के लिए परिणाम आशाजनक थे।

स्ट्रेन को भारत में तीन कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिनमें से पैनेसिया बायोटेक विकास के सबसे उन्नत चरण में है। पैनेसिया ने स्वयं का एक पूर्ण विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए काम किया है। कंपनी के पास इस कार्य पर एक प्रक्रिया पेटेंट है। भारतीय वैक्सीन फॉर्मूलेशन के साथ चरण प्रथम और द्वितीय का क्लिनिकल परीक्षण पहले 2018-19 में पूरा किया गया था।
प्रोफेसर शमीम ने कहा, परीक्षण के आशाजनक परिणामों के आधार पर, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भारत के 18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 19 स्थानों पर 10,335 से अधिक स्वस्थ वयस्कों पर पूर्ण चरण तृतीय क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए पैनेशिया बायोटेक के साथ साझेदारी की है।

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