इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने शिक्षकों दी सलाह
प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में बृहस्पतिवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सीनेट कैंपस स्थित प्रो. ईश्वर टोपा सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस मौके पर रजिस्ट्रार प्रो. आशीष खरे ने वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।
इस मौके पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षकों का पहला धर्म विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। उन्होंने शिक्षकों को सलाह देते हुए कहा कि वे समय पर क्लास लें और पूरी तैयारी के साथ कक्षाओं में जाएं ताकि पढ़ने आए विद्यार्थियों को नया ज्ञान मिल सके। हमें स्वयं को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक के पेशे में प्रतिदिन नया सीखना पड़ता है। विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा सामाजिक ज्ञान भी देना होगा ताकि वे जीवन में सफल हो सकें। वर्तमान में शिक्षक की जिम्मेदारी अन्य पेशों से अधिक हो गई है। शिक्षकों का कर्तव्य है कि विद्यार्थियों में उच्च नौतिक मूल्यों का समावेश करें। इलाहाबाद विश्वविद्यालय पूरे प्रयागराज शहर को सार्मथ्यवान बनाने में सक्षम है। इस दिशा में शिक्षकों को सोचने की जरूरत है। चाणक्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक शिक्षक पूरी व्यवस्था को सुधार सकता है। शिक्षक विद्यार्थियों को इस प्रकार शिक्षित करें कि वे एक जिम्मेदार नागरिक और ईमानदार इंसान बन सकें।
इससे पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. आशीष खरे ने एनआईआरएफ रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए रैडमैप तैयार किया। उन्होंने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एनआईआरएफ रैंकिंग बेहतर करने के सुझाव भी सभी शिक्षकों से साझा किए। कार्यक्रम का संचालन प्रो. जया कपूर ने किया। इस मौंके पर सभी डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष और शिक्षक मौजूद रहे।