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वाराणसीः दृश्य कला संकाय द्वारा चार दिवसीय समूह चित्रकला प्रदर्शनी ‘योगसूत्र’ का आयोजन अहिवासी कला वीथिका, दृश्य कला संकाय में किया जा रहा है।
सृजनात्मक क्षमता को प्रदर्शित करती यह चित्रकला प्रदर्शनी चित्रकला विभाग के चार छात्र एवं छात्राओं – जोयदेब दास, नोडी जूडिथ गोम्स, फैराज इमरान व निहारिका अहोना बरसात द्वारा संयुक्त रूप से लगाई जा रही है। लगभग 25 चित्रकृतियों का प्रदर्शन इस प्रदर्शनी में किया गया है।

प्रदर्शनी का उद्देश्य प्रतिभागी छात्र कलाकारों द्वारा अपनी मूल बंगाली पृष्ठभूमि को प्रदर्शित करना है। प्रत्येक कलाकार ने विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करके अनूठे प्रकार से अपने चित्रों में अपने भावों को अभिव्यक्त किया है। ढ़ाका के बाहर ग्रामीण इलाकों में अपने मूल स्थान के लोक विषयों के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय लघु चित्रों, अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों, तथा अपने आसपास के परिवेश में उपस्थित परिस्थितियों के यथार्थ प्रभाव से प्रेरित होकर इन युवा चित्रकारों ने अपने चित्रों को जीवन प्रदान किया है। चित्रकला के साथ ही इन छात्र-छात्राओं के द्वारा कला दीर्घा में स्थापन कला (इंस्टालेशन) का प्रदर्शन भी आगन्तुक कलाप्रेमी दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। सीमाओं के पार कलाकारों को एक साथ अभिव्यक्ति करते देखना स्वयं में एक रोमांचक अनुभव है।
‘योगसूत्र’ चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन दृश्य कला संकाय की संकाय प्रमुख डॉ. उत्तमा दीक्षित द्वारा किया गया। प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम का सुव्यस्थित संचालन दृश्य कला इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ. राजीव मंडल द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में डॉ. मनीष अरोरा, श्री सुरेश के. नायर, डॉ. ललित मोहन सोनी, श्री विजय भगत एवं डॉ. महेश सिंह, डॉ. किरन गुप्ता, श्री साहेब राम टुडु, आदि अन्य शिक्षक तथा गैर-शिक्षण सदस्य उपस्थित रहे। संकाय के शोधार्थी, छात्र व छात्राओं के साथ अन्य कलाप्रेमी भी अधिक संख्या मेें मौजूद रहे।

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