वाराणसीः दृश्य कला संकाय स्थित अहिवासी काला दीर्घा में इटली से आई हुई कलाकार सिमोना फ्रिलिसी की कला प्रदर्शनी का आरंभ हुआ। इस प्रदर्शनी का शीर्षक ‘वाइब्रेशंस बिटवीन इटली एंड इंडिया’ है, जो भारत और इटली के बीच सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करती ऊर्जा तरंगें हैं। प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई कलाकृतियां सिमोना की भारत यात्रा के दौरान हुए अनुभवों के आधार पर ही सृजित की गई हैं। सिमोना स्वयं भारतीय संस्कृति से अत्यधिक प्रभावित हैं। वह नियमित योगाभ्यास करती हैं तथा भारतीय दर्शन की भौतिक तथा पराभौतिक अवधारणा से अपनी कलाकृतियों के लिए प्रेरणा प्राप्त करती हैं। इस प्रदर्शनी में बड़े आकार की 17 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो आकृति और परछाई तथा आभास एवं वास्तविकता के संदर्भों को उजागर करती हैं। उनका मानना है कि मनुष्य का अस्तित्व एक ऊर्जा का अस्तित्व है। यह ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार पानी में हिलती हुई परछाई उस वस्तु या व्यक्ति के समान न होने पर भी उसी का प्रतिनिधित्व करती है। इस प्रकार सिमोना की कलाकृतियां चित्र, फोटोग्राफी, वीडियो और इंस्टॉलेशन के माध्यम से मानवीय अस्तित्व से जुड़े विषयों पर आधारित होती है। प्रदर्शनी का उद्घाटन दृश्य कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित द्वारा किया गया। इस अवसर पर अप्लाइड आर्ट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनीष अरोड़ा, मूर्तिकला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ब्रह्मस्वरूप समेत अनेक आचार्य गण और विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। प्रदर्शनी संयोजक डॉ सुरेश जांगिड़ ने बताया कि प्रदर्शनी हेतु काशी हिंदू विश्वविद्यालय की अहिवासी कला दीर्घा का चयन करने के पीछे भी महत्वपूर्ण उद्देश्य है। काशी मोक्ष की नगरी होने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह वह स्थान है, जहां भौतिक और पराभौतिक विचारधाराओं का संगम होता है। अति प्राचीन काल से ही काशी अध्यात्म और ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। काशी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए सिमोना द्वारा अपनी प्रदर्शनी हेतु काशी हिंदू विश्वविद्यालय को प्राथमिकता दी गई है। यह प्रदर्शनी 22 मार्च तक दर्शकों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
इसी श्रृंखला में कला प्रदर्शनी के साथ-साथ आहिवासी कला दीर्घा, दृश्य कला संकाय में कल दोपहर 12:30 बजे इटली के ही लेखक पाओलो बरोने की पुस्तक ‘बनारस: द एटलस आफ द 21st सेंचुरी’ का विमोचन समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर दृश्य कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित, प्रोफेसर राना पी. बी. सिंह, प्रोफेसर विंसेंजो कैरिती भी अपने विचार व्यक्त करेंगे।



